ऊना, 20 जनवरी : डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने देर रात हरोली-रामपुर पुल पर पहुंच पुल पर चल रहे सोलर लाइट के कार्य का निरीक्षण किया। इस दौरान मुकेश अग्निहोत्री ने प्रदेश के सबसे लंबे पुल को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने का दावा किया। मुकेश अग्निहोत्री ने लोक निर्माण विभाग को पुल पर लाइटों की संख्या बढ़ाने के साथ-साथ वर्षा शालिका के लिए उचित भूमि के चयन के निर्देश भी दिए।
वहीं निजी अस्पतालों द्वारा आयुष्मान व हिमकेयर के लाभार्थियों का इलाज न करने के ऐलान पर पूर्व की भाजपा सरकार को घेरा। मुकेश ने कहा कि पूर्व की भाजपा सरकार ने बिना बजट ही कई योजनाएं शुरू कर दी थी। वहीं उन्होंने निजी अस्पतालों के लंबित बिलों के शीघ्र भुगतान का आश्वासन भी दिया।
प्रदेश के उप मुख्यमंत्री वीरवार देर रात भारत जोड़ो यात्रा से शिमला वापिसी के समय कुछ देर ऊना में रुके। इस दौरान अग्निहोत्री ने अपने ड्रीम प्रोजेक्ट हरोली रामपुर पुल पर लगाई जा रही सोलर लाइटों के कार्य का निरीक्षण भी किया। मुकेश अग्निहोत्री द्वारा पुल के निरीक्षण के दौरान प्रशासनिक और लोक निर्माण विभाग के अधिकारी भी मौजूद रहे। इस दौरान मुकेश अग्निहोत्री ने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को पुल पर सोलर लाइट्स की संख्या बढ़ाने के आदेश दिए।
गौरतलब है कि विभाग द्वारा पुल के दोनों तरफ फिलहाल 60 लाइटें लगाई गई है, जिसके बाबजूद भी करीब 800 मीटर लंबे इस पुल के कई हिस्सों में अंधेरा रह रहा है, जिसके चलते अब करीब 20-22 अतिरिक्त लाइटें लगाने का लोक निर्माण विभाग द्वारा निर्णय लिया गया है।
वहीं इस दौरान डिप्टी सीएम द्वारा पुल के साथ वर्षा शालिका बनाने की संभावनाएं तलाशने के साथ-साथ पुल पर फूड कोर्ट बनाने के भी निर्देश दिए है। इस दौरान उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि हरोली रामपुर पुल से जहां हरोली से ऊना की दूरी कम हुई है। वहीं लोग पर्यटन के तौर पर भी इस पुल पर आते है। मुकेश ने कहा कि इस पुल को पर्यटन केंद्र के तौर पर विकसित किया जाएगा।
वहीं निजी अस्पतालों में हिम केयर व आयुष्मान योजना के तहत बीते दस माह से बिलों का भुगतान न होने के मामले पर उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि यह पूर्व सरकार का मामला है। कोई योजना चलाई जाती तो बजट प्रावधान भी किया जाता है, लेकिन पूर्व की भाजपा सरकार ने बिना बजट ही कई योजनाएं चला दी गई। मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि इस मामले को लेकर स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ चर्चा की जाएगी, इसके बाद ही कुछ कहा जा सकता है।