शिमला, 19 जनवरी : हिमाचल (Himachal Pradesh) के लोग लगातार तीसरे साल भी नई दिल्ली के कर्तव्य पथ पर प्रदेश की झांकी नहीं देख पाएंगे। इस समारोह के लिए प्रदेश ने कोई भी झांकी नहीं भेजी है। 2019 से अब तक कई झांकियों के मॉडल ख़ारिज हो चुके है।
वर्ष 2019 में महात्मा गांधी (mahatma gandhi) की हिमाचल यात्रा पर आधारित झांकी के मॉडल को रक्षा मंत्रालय ने ख़ारिज कर दिया था। इसी तरह वर्ष 2021 में अटल टनल रोहतांग का मॉडल भी मंजूर नहीं हुआ था। धामी गोलीकांड की झांकी का प्रस्ताव भी रद्द हो गया था। प्रदेश के विकासात्मक योजनाओं के अलावा बागवानी, पर्यटन, बिजली की योजनाओं व धर्मशाला के क्रिकेट स्टेडियम को दिखाने वाला मॉडल भी अंतिम दौर की छंटनी में ख़ारिज हो गया था।
राजपथ पर वर्ष 2007 में लाहौल-स्पीति 2012 में किन्नौर, 2017 में चंबा की संस्कृति की झलक देखने को मिली थी। 2018 में लाहौल स्पीति के गोम्पा की झांकी दिखाई गई थी। वर्ष 2020 में कुल्लू दशहरे की झांकी को भी राजपथ पर हिमाचली संस्कृति दिखाने का मौका मिला।
मगर पिछले 2020 के बाद लगातार तीन साल से देश के लोग हिमाचल की झांकी को देखने से वंचित रह जाते है। वहीं प्रदेश सरकार के अधिकारियों का कहना है कि समय पर सूचना न मिलने से झांकी का मॉडल नहीं भेजा जा सका।