ऊना, 14 जनवरी : हिमाचल प्रदेश फुटबॉल में सब कुछ ठीक नज़र नहीं आ रहा। हालत यह है कि प्रदेश के मैदानी जिला ऊना में स्थित हिमाचल प्रदेश फुटबॉल एसोसिएशन और जिला फुटबॉल संघ के बीच 36 का आंकड़ा बनता जा रहा है। इसका खुलासा शनिवार को जिला फुटबॉल संघ की बैठक के बाद हुई प्रेस वार्ता के दौरान हुआ।
शनिवार को जिला मुख्यालय के एक होटल में जिला फुटबॉल संघ की बैठक जिला अध्यक्ष जितेंद्र सैनी की अध्यक्षता में हुई। इस मौके पर एक तरफ जहां जिला फुटबॉल संघ ने अपने क्रियाकलापों की रूपरेखा तैयार की, वहीं दूसरी तरफ सूचनाओं के अभाव को लेकर प्रदेश फुटबॉल संघ को भी निशाने पर लिया गया। फुटबॉल संघ के जिला अध्यक्ष जितेंद्र सैनी ने कहा कि प्रदेश इकाई द्वारा खेल की प्रगति को लेकर कोई भी जानकारी उनके साथ साझा नहीं की जाती। जिसके चलते ग्रास रूट लेवल तक खेल के विस्तार में कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
दूसरी तरफ फुटबॉल संघ के ही पदाधिकारी वीरेंद्र मनकोटिया ने आरोप लगाया कि प्रदेश फुटबॉल एसोसिएशन में कई प्रकार की गड़बड़ियां चल रही है। उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश फुटबॉल एसोसिएशन के पास जिला में ही 4 क्लबों को पंजीकृत किया गया है। लेकिन यह पंजीकरण इस कदर फर्जी है कि न तो किसी क्लब का यहां पर कार्यालय है और न ही इन क्लबों में किसी स्थानीय खिलाड़ी को खेलने का मौका दिया जाता है।
उन्होंने कई प्रकार की वित्तीय गड़बड़ियां होने का भी अंदेशा जाहिर करते हुए कहा कि प्रदेश फुटबॉल संघ की तरफ से जो वित्तीय लाभ जिला फुटबॉल संघ को मिलना चाहिए वह भी पूरी तरह नहीं मिल पा रहे। उन्होंने चेतावनी दी है कि प्रदेश फुटबॉल संघ अपनी कार्यप्रणाली में सुधार करें ताकि खेल को सही मायनों में आगे बढ़ने की दिशा में कदम उठाए जा सके।