मंडी, 13 जनवरी : बेहतर पोषण प्राप्त करना सभी का अधिकार है। जिसको लेकर राज्य सरकार द्वारा विभिन्न योजनाएं भी चलाई जा रही है, ताकि महिलाओं और बच्चों में कुपोषण को खत्म किया जा सके। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा कुपोषण से लड़ने के लिए मार्च 2018 में पोषण अभियान की शुरुआत की गई थी।
हिमाचल प्रदेश के मंडी जिला की बात की जाए तो शून्य से 6 वर्ष के 76 हजार से अधिक बच्चे पोषण अभियान के तहत लाभ प्राप्त कर रहे है। वहीं इस योजना में 13 हजार 30 धात्री व गर्भवती महिलाएं लाभार्थी है। जिला में 3004 आंगनबाड़ी केंद्र भी पोषण अभियान के तहत चलाए जा रहे है। सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को मोबाइल व चार प्रकार ग्रोथ मॉनिटरिंग डिवाइस दी गई है।
ग्रोथ मॉनिटरिंग डिवाइस से आंगनबाड़ी कार्यकर्ता बच्चों के वजन व उनकी लंबाई को पोषण ट्रैकर एप्लीकेशन के माध्यम से मापते है। यह एप्लीकेशन बच्चों के अंदर कुपोषण की पूरी जानकारी देता है। इसी एप्लीकेशन के माध्यम से बच्चों की पूरी जानकारी आंगनबाड़ी विभाग तक पहुंचती है। वहीं जनता पोषण कैलकुलेटर एप्लीकेशन के माध्यम से घर में ही बच्चों में कुपोषण की जानकारी प्राप्त कर सकते है।
वहीं पोषण अभियान जिला समन्वयक रजनीश शर्मा ने बताया कि पोषण अभियान के तहत सभी आंगनबाड़ी केंद्रों हर महीने की 1 व 15 तारीख को सामुदायिक गतिविधि भी की जाती है। इस सामुदायिक गतिविधि में पोषण से संबंधित जानकारी सभी को मुहैया करवाई जाती है। उन्होंने बताया कि पिछले 3 वर्षों में 800 से बच्चों को अभी तक कुपोषण से पोषित श्रेणी में लाया गया है।
वहीं अब जिला प्रशासन व जिला रेड क्रॉस सोसाइटी के माध्यम से कुपोषित बच्चों को जोनल अस्पताल मंडी के एनआरसी में भर्ती किया जाता है। यहां इन बच्चों की निशुल्क जांच की जाती है। वहीं बच्चों को पोषाहार युक्त भोजन प्रदान करने के लिए उनकी थाली में लिपि वेजिटेबल मात्रा भी बढ़ाई जा रही है।