हमीरपुर, 11 जनवरी : छोटे से गांव तलासी खुर्द के रहने वाले विजय कुमार व उनकी पत्नी ने 23 साल के जवान बेटे के लिए सेहरा बांधने के अरमान बुन्ने हुए थे, लेकिन कुदरत को कुछ और ही मंजूर था। बूढ़े माता-पिता का के ये अरमान हकीकत नहीं बन सके। 23 साल की छोटी सी उम्र में अमित शर्मा ने मां भारती के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए। बेटे की शाहदत की खबर से पूरा क्षेत्र ग़मगीन हो गया है। परिवार से चार दिन पहले ही दादी का जनाजा उठा।
14 डोगरा रेजिमेंट में तैनात अमित मंगलवार रात बर्फीले इलाके में गश्त पर था। इस दौरान सेना का वाहन बर्फ से फिसलकर खाई में जा गिरा। इस घटना में अमित शर्मा शहीद हो गए। शहीद अमित शर्मा भारतीय थल सेना (Indian army) की 14 डोगरा रेजिमेंट में कुपवाड़ा के माछिल सेक्टर में तैनात था।
अमित शर्मा 4 साल पहले 2019 में भर्ती हुआ था। 6 माह पहले दादा की भी मौत हो चुकी है। पिता दिहाड़ी मजदूरी कर परिवार का पालन पोषण करता हैं, जबकि माता हल्का देवी गृहिणी हैं। अमित 3 भाई-बहनों में सबसे छोटा था। बड़ी बहन ज्योति की शादी हो चुकी है। छोटे बेटे के सेना में भर्ती होने के बाद पिता के कंधों का बोझ हल्का हो गया था। परिवार को उम्मीद थी कि अब परिवार की आर्थिक हालत मजबूत होगी लेकिन, भगवान को कुछ और ही मंजूर था।
जम्मू कश्मीर में हिमाचल के 2 जवान शहीद, अमित 23 साल की उम्र में पाई शहादत
4 दिन पहले दादी लाजवंती का घर से जनाजा उठा था कि अब पोते के शहीद होने की खबर से पूरे गांव में शोक की लहर है। परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट गया है। अमित के शहीद होने से पूरे गांव में मातम पसरा है। शहीद अमित शर्मा अपने पीछे मां-बाप एक बहन जिसकी शादी हो चुकी है व एक भाई छोड गया है।
पंचायत प्रधान कुडली देवी ने बताया कि अमित कुमार के शहीद होने की सूचना मिली है। परिवार बेहद मध्यमवर्गीय है। उनका कहना है कि उनके पिता भी दिहाड़ी मजदूरी करके परिवार की गुजर-बसर चलाते हैं।