शिमला/नाहन, 11 जनवरी : हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री सुखाश्रय कोष क्रियान्वित हो गया है। 13 जनवरी 2023 की लोहड़ी अनाथ, दिव्यांग व जरूरतमंद बच्चों के लिए खास हो गई है। दरअसल, सहायता कोष से प्रदेश के अनाथ, दिव्यांग व हरेक बच्चे जरूरतमंद के लिए सरकार ने लोहड़ी सेलिब्रेशन के लिए 500 रूपये की राशि जारी कर दी है।
अहम बात यह है कि पहली बार विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के अलावा अन्य लाभार्थियों को समय से पहले ही फंड जारी किया गया है। हालांकि पहले भी सरकार विशेष स्कूलों को फंड जारी करती रही है, लेकिन लंबे इंतजार के बाद ही विशेष बच्चों को फंड मिल पाता था।
गौरतलब है हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने जरूरतमंद बच्चों व निराश्रित महिलाओं के उत्थान के लिए नववर्ष में मुख्यमंत्री सुखाश्रय सहायता कोष का ऐलान किया था। सीएम ने अपना पहला वेतन कोष को भेंट किया था
आस्था स्पेशल स्कूल के मुख्य समन्वयक आशुतोष गुप्ता व अध्यक्ष राजीव भंडारी ने कहा कि यह पहला अवसर है कि सरकार ने विशेष बच्चों के लिए इस तरह की सोच का प्रदर्शन किया है। उन्होंने कहा कि शहर में आस्था स्पेशल स्कूल लंबे अरसे से चल रहा है, लेकिन सरकार के तौर पर इस तरह का फंड पहली बार जारी किया गया है। उन्होंने कहा कि स्कूल में इस समय 40 बच्चे अध्ययनरत हैं। उन्होंने कहा कि 13 जनवरी को लोहड़ी के मौके पर इन बच्चों के लिए सरकार से मिली राशि से खास तरह का सेलिब्रेशन किया जाएगा। इस मौके पर स्थानीय विधायक अजय सोलंकी मुख्य अतिथि के तौर पर मौजूद होंगे।
कोष का मकसद
कोष का उद्देश्य जरूरतमंद बच्चों और निराश्रित महिलाओं को उच्च शिक्षा की सुविधा प्रदान करना है। राज्य सरकार ऐसे बच्चों के कौशल विकास शिक्षा, उच्च शिक्षा और व्यावसायिक प्रशिक्षण पर भी कोष से खर्च को वहन करेगी। उन्हें उनकी आवश्यकता के अनुसार आर्थिक सहायता भी दी जाएगी ताकि वे सम्मान पूर्वक जीवन व्यतीत कर सकें। सुविधाओं का लाभ उठाने के लिए किसी आय प्रमाण पत्र की आवश्यकता नहीं होगी। मुख्यमंत्री ने कहा था कि योजना के तहत बाल देखभाल संस्थानों में रहने वाले बच्चे, पालक देखभाल के तहत लाभान्वित होने वाले सभी बच्चे, नारी सेवा सदन, शक्ति सदन में रहने वाली निराश्रित महिलाएं और वृद्धाश्रम के निवासी लाभान्वित होंगे।