शिमला, 08 जनवरी : राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर (Governor Rajendra Vishwanath Arlekar) ने रविवार को राजभवन में आयोजित एक गरिमापूर्ण समारोह में राज्य मंत्रिमंडल (HP Cabinet) के नवनियुक्त सदस्यों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने कार्रवाई का संचालन किया।
सोलन विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचित डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल, कांगड़ा जिला के जवाली विधानसभा क्षेत्र से चुने गए प्रो. चंद्र कुमार, सिरमौर जिला के शिलाई विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचित हर्षवर्धन चौहान, किन्नौर विधानसभा क्षेत्र से चुने जगत सिंह नेगी, शिमला जिला के जुब्बल-कोटखाई विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचित रोहित ठाकुर, कसुम्पटी विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचित अनिरुद्ध सिंह तथा शिमला ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र से चुने गए विक्रमादित्य सिंह ने बतौर कैबिनेट मंत्री शपथ ग्रहण की। मंत्रिमंडल में शिमला जिला से तीन तथा कांगड़ा, सोलन, सिरमौर व किन्नौर से एक-एक मंत्री शामिल किए गए।
डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल
डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिलका जन्म सोलन जिला की कंडाघाट तहसील के बशील गांव में स्वर्गीय नारायण राम शांडिल के घर 20 अक्तूबर, 1940 को हुआ। इन्होंने एमए, एमफिल एवं पीएचडी की उपाधि प्राप्त की है। इनका एक बेटा व दो बेटियां है। यह राजनेता एवं सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में सक्रिय रहे है। इन्होंने सशस्त्र बलों में वर्ष 1962-1996 तक अपनी सेवाएं प्रदान की और कर्नल के पद से सेवानिवृत्त हुए।
1999 में हिमाचल विकास कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में 13वीं लोकसभा के लिए बतौर सांसद चुने गए। वर्ष 2004 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में 14वीं लोकसभा के लिए पुनः निर्वाचित हुए। अप्रैल 2011 से सितंबर 2013 तक यह मिजोरम, मेघालय और अरुणाचल प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी व कांग्रेस कार्यकारी समिति के सदस्य रहे।
दिसंबर 2012 में यह हिमाचल प्रदेश विधानसभा के लिए चुने गए। 25 दिसंबर 2012 से 21 दिसंबर 2017 तक इन्होंने सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री के रूप में कार्य किया। दिसंबर 2017 में 13वीं विधानसभा के लिए यह दूसरी बार चुने गए और कल्याण, लोक प्रशासन एवं आचार नीति समितियों के सदस्य रहे। दिसंबर 2022 में 14वीं विधानसभा के लिए पुनः विधायक चुने गए।
चंद्र कुमार
चंद्र कुमारकाजन्म 8 मई, 1944 को कांगड़ा जिला की जवाली तहसील के धन गांव में स्वर्गीय बेली राम के घर में हुआ। पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़ और हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला से एमए, एमएड और एलएलबी की उपाधि प्राप्त की। इनका विवाह कृष्णा देवी से 2 मार्च, 1976 को को हुआ। इनका एक बेटा व एक बेटी है। यह एक कृषक भी है। यह समाज के कमजोर वर्गों के उत्थान और दूरदराज के लोगों की शिकायतों के निवारण में समर्पित रहे है।
इन्होंने पूर्ण राज्यत्व के संघर्ष में सक्रिय रूप से भाग लिया। वर्ष 1968 में इन्होंने एक शिक्षक के रूप में कार्य प्रारंभ किया। बाद में यह सरकारी सेवाओं से त्याग-पत्र देकर सक्रिय राजनीति में शामिल हुए। राज्य युवा कांग्रेस के सक्रिय सदस्य के रूप में इन्होंने शिमला के भट्ठा कुफर (संजय वन) में वृहद पौधरोपण अभियान में भाग लिया। वर्ष 1978 से 1982 तक शिमला के प्रतिष्ठित सेंट बीड्स कॉलेज में भूगोल विषय में शिक्षा प्रदान की।
वर्ष 1981 में इन्होंने नई दिल्ली में आयोजित शिक्षा पर राष्ट्रीय अधिवेशन में बतौर संयुक्त संयोजक के रूप में राज्य का प्रतिनिधित्व किया। वर्ष 1977 में राज्य विधानसभा के लिए चुनाव लड़ा, वर्ष 1982 और 1985 में यह राज्य विधानसभा के लिए निर्वाचित हुए, 1990 में पुनः चुनाव लड़ा।
इसके उपरांत वर्ष 1993, 1998 और 2003 में पुनः विधायक चुने गए। वर्ष 1982-85 तक हिमाचल पथ परिवहन निगम के उपाध्यक्ष रहे। 14 अप्रैल 1984 से मार्च 1985 तक यह स्वास्थ्य, उच्च शिक्षा और सूचना एवं जन संपर्क विभाग के उप-मंत्री रहे। मार्च 1985 से 1989 तक यह वन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रहे। वर्ष 1989 से 1990 तक यह कृषि और कला, भाषा एवं संस्कृति तथा मत्स्य पालन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रहे।
इन्होंने वर्ष 1993 से 1998 तक सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और तकनीकी शिक्षा मंत्री के रूप में कार्य किया। इसके अतिरिक्त यह वन मंत्री भी रहे। कांगड़ा लोकसभा क्षेत्र से वर्ष 2004 से 2009 तक सांसद रहे। 14वीं विधानसभा के लिए दिसंबर 2022 में यह पुनः विधायक चुने गए।
हर्षवर्धन चौहान
हर्षवर्धन चौहान का जन्म सिरमौर जिला के नाहन में स्वर्गीय गुमान सिंह चौहान (पूर्व मंत्री) के घर 14 सितंबर, 1964 को हुआ। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा शिमला के सेंट एडवर्ड्स स्कूल (St. Edward’s School Shimla) से प्राप्त की। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से बीए एलएलबी (B.A LLB)की उपाधि प्राप्त की। इनका विवाह कल्पना चौहान से हुआ। इनकी एक बेटी है।
यह महाविद्यालय काल से ही एनएसयूआई के साथ जुड़ गए और महाविद्यालय केंद्रीय छात्र संघ के सदस्य रहे। वर्ष 1986 से 1988 तक युवा कांग्रेस शिलाई के महासचिव चुने गए। वर्ष 1990-96 तक जिला सिरमौर कांग्रेस समिति के महासचिव रहे। वर्ष 1997 में राज्य कांग्रेस समिति के संयुक्त सचिव बने। यह वर्ष 2008-12 तक जिला कांग्रेस समिति सिरमौर के अध्यक्ष रहे तथा वर्ष 2003-07 तक कांग्रेस संसदीय दल के महासचिव रहे और वर्ष 2005-08 व 2013-18 तक हिमाचल प्रदेश कांग्रेस समिति के महासचिव रहे।
वर्ष 1993 में यह राज्य विधानसभा के लिए चुने गए। इसके उपरांत वर्ष 1998, 2003 और 2007 में लगातार पुनः विधायक बने। वर्ष 1995-97 तक यह राज्य सामान्य उद्योग निगम के उपाध्यक्ष रहे। वर्ष 1994-97 तक हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड धर्मशाला के सदस्य रहे। वर्ष 1994-96 तक हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला की कार्यकारी परिषद के सदस्य रहे। वर्ष 1995-97 तक हिमाचल प्रदेश राज्य युवा बोर्ड के सदस्य रहे। इसके अतिरिक्त डॉ. वाईएस परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी (सोलन) के सीनेट में सदस्य रहे।
18 अप्रैल से 18 अगस्त 2005 तक राज्य सरकार में मुख्य संसदीय सचिव रहे। इसके अतिरिक्त वर्ष 2005-07 एवं 2008-12 तक यह प्राक्कलन समिति, सामान्य विकास समिति तथा याचिका समिति के अध्यक्ष भी रहे। इसी अवधि में यह विधानसभा की अन्य समितियों के सदस्य भी रहे। वर्ष 2013-17 तक यह राज्य स्तरीय संसाधन संगठन एवं रोजगार सृजन समिति के अध्यक्ष (कैबिनेट रैंक) रहे।
वर्ष 2017 में यह 13वीं विधानसभा के लिए पांचवीं बार निर्वाचित हुए। इस दौरान यह लोक लेखा, पुस्तकालय एवं सुख-साधन एवं विशेषाधिकार समितियों के सदस्य भी रहे। दिसंबर 2022 में यह 14वीं विधानसभा के लिए पुनः निर्वाचित हुए।
जगत सिंह नेगी
जगत सिंह नेगी पूर्व विधायक हिमाचल प्रदेश विधानसभा ज्ञान सिंह नेगी के सुपुत्र जगत सिंह नेगी का जन्म 2 फरवरी, 1957 को किन्नौर जिला के कल्पा में हुआ। उन्होंने बीए एलएलबी की शिक्षा डीएवी महाविद्यालय चण्डीगढ़ तथा पंजाब विश्वविद्यालय चण्डीगढ़ से ग्रहण की है। उनका विवाह 01 जुलाई, 1982 को सुशीला नेगी से हुआ। उनका एक पुत्र और एक पुत्री है।
वर्ष 1980 से 1995 तक जिला सेब एवं सब्जी उत्पादक संघ किन्नौर के संस्थापक अध्यक्ष रहे है। वर्ष 1980 से 1995 तक जिला बार संघ किन्नौर के अध्यक्ष तथा जिला युवा कांग्रेस कमेटी किन्नौर के अध्यक्ष भी रहे है। वर्ष 1996 से 2011 तक जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष रहे है।
वर्ष 1996 और 2005 से 2009 तक हिमाचल प्रदेश फुटबॉल संघ के उपाध्यक्ष एवं अध्यक्ष रहे है। वर्ष 1987 से 1992 तक पंचायत समिति पूह के अध्यक्ष तथा 1996 से 1997 तक हिमाचल प्रदेश राज्य अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति विकास निगम के उपाध्यक्ष रहे है।
जगत सिंह नेगी 27 मई, 1995 को विधानसभा उप-चुनाव में विधायक निर्वाचित हुए। जून, 2003 तथा 2012 में पुनः विधायक पद पर निर्वाचित हुए। 18 अप्रैल, 2005 से 18 अगस्त, 2005 तक संसदीय सचिव रहे। जनवरी 2013 से मार्च 2013 तक अधीनस्थ विधायन समिति के अध्यक्ष तथा 12 मार्च, 2013 से 21 दिसम्बर, 2017 तक हिमाचल प्रदेश विधानसभा के उपाध्यक्ष रहे।
दिसम्बर, 2017 में 13वीं विधानसभा के लिए पुनः निर्वाचित हुए तथा प्राक्कलन एवं सामान्य विकास समिति के सदस्य रहे। कांग्रेस विधायक दल के मुख्य सचेतक भी रहे। दिसम्बर, 2022 में 14वीं विधानसभा के लिए पुनः निर्वाचित हुए।
रोहित ठाकुर
स्वर्गीय जगदीश चन्द्र के पुत्र रोहित ठाकुर का जन्म 14 अगस्त, 1974 को जिला शिमला में हुआ। उन्होंने राजनीतिक विज्ञान बीए ऑनर्स की उपाधि प्राप्त की है। उनका विवाह प्रतिभा से हुआ। उनका एक पुत्र व दो पुत्रियां है।
हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ठाकुर राम लाल के पौत्र है। वर्ष 2000 से 2004 तक प्रदेश युवा कांग्रेस राज्य समिति के सदस्य रहे। वर्ष 2002 से जुब्बल कोटखाई से हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्य है। वर्ष 2008 से 2011 तक हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव भी रहे है। वर्ष 2003 तथा 2012 में राज्य विधानसभा के सदस्य निर्वाचित हुए। मई, 2013 से दिसम्बर, 2017 तक मुख्य संसदीय सचिव रहे। 30 अक्तूबर, 2021 को विधानसभा उप-चुनाव में पुनः विधायक पद पर निर्वाचित हुए। रोहित ठाकुर दिसम्बर, 2022 में 14वीं विधानसभा के सदस्य निर्वाचित हुए।
अनिरुद्ध सिंह
स्वर्गीय त्रिविक्रम सिंह के पुत्र अनिरुद्ध सिंह का जन्म 27 जनवरी, 1977 को शिमला में हुआ। उन्होंने स्नातक तक शिक्षा ग्रहण की है। उनका विवाह चेतना सिंह से हुआ। इनके एक पुत्र और एक पुत्री है। राज्य युवा कांग्रेस के उपाध्यक्ष, भारतीय युवा कांग्रेस के राज्य महासचिव, राज्य एवं शिमला लोकसभा क्षेत्र पीवाईसी के उपाध्यक्ष रहे है। आईवाईसी.के राष्ट्रीय समन्वयक, वर्ष 2005 तथा 2010 में चम्याणा वार्ड से जिला परिषद के सदस्य और 27 जनवरी, 2011 से जनवरी, 2013 तक जिला परिषद शिमला के अध्यक्ष रहे हैं।
अनिरुद्ध सिंह दिसंबर, 2012 में 12वीं विधानसभा के लिए निर्वाचित हुए तथा वर्ष 2013 से 2017 तक सार्वजनिक उपक्रम, अधीनस्थ विधायन एवं नियम समितियों के सदस्य रहे। वह दिसंबर, 2017 में पुनः विधायक के रूप में निर्वाचित हुए तथा सार्वजनिक उपक्रम, अधीनस्थ विधायन एवं नियम समितियों के सदस्य रहे। वह दिसंबर, 2022 में पुनः 14 वीं राज्य विधानसभा के लिए निर्वाचित हुए।
विक्रमादित्य सिंह
हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय वीरभद्र सिंह के पुत्र विक्रमादित्य सिंह का जन्म 17 अक्तूबर, 1989 को शिमला में हुआ। उन्होंने इतिहास में स्नातक उपाधि सेंट स्टीफन महाविद्यालय, दिल्ली विश्वविद्यालय से प्राप्त की। वह वर्ष 2013 से 2018 तक हिमाचल प्रदेश युवा कांग्रेस के अध्यक्ष रहे हैं।
दिसंबर, 2017 में हिमाचल प्रदेश विधानसभा के सदस्य निर्वाचित हुए तथा सार्वजनिक उपक्रम समिति व ई-गवर्नेंस एवं सामान्य प्रयोजन समिति के सदस्य रहे विक्रमादित्य सिंह दिसंबर, 2022 में 14वीं विधानसभा के लिए पुनः विधायक पद पर निर्वाचित हुए।