मंडी, 07 जनवरी ; हिमाचल प्रदेश में सरकार के पंचायती राज विभाग ने प्रदेश में हो रहे मनरेगा के कार्यों के लिए अब ऑनलाइन हाजरी साइट पर जाकर लगाने के निर्देश पंचायत प्रतिनिधियों को जारी किए है, जिसका विरोध शुरू हो गया है। इसी विरोध के चलते शनिवार को पंचायती राज महासंघ सदर ब्लॉक ने एक मांग पत्र हिमाचल प्रदेश के पंचायती राज विभाग को भेजा।
उपायुक्त अरिंदम चौधरी के माध्यम से भेजे गए मांग पत्र में एनएमएमएस के तहत सभी मजदूरों की ऑनलाइन हाजिरी के फैसले को तुरंत रद्द करने की मांग उठाई है। संघ का मानना है कि हिमाचल प्रदेश की भौगोलिक परिस्थिति अलग है और यहां पर मोबाइल में सिग्नल की दिक्कत रहती है। ऐसे में ऑनलाइन हाजिरी पंचायत की हर साइट पर जाकर भेजना मुनासिब नहीं होगा।
साथ ही कुछ ऐसे भी पंचायत प्रतिनिधि है, जिनके पास स्मार्ट फोन तक नहीं हैं। ऐसे में प्रदेश की पंचायतों में मनरेगा के तहत जारी सभी कार्य प्रभावित होंगे। पंचायती राज महासंघ के सदर ब्लॉक अध्यश शुभम शर्मा ने कहा कि यह फैसला धरातल पर किसी प्रकार का विचार विमर्श लेकर नहीं किया गया है। बल्कि यह एक प्रकार का थोपा गया फैसला है। जिसके कारण विकास कार्यों को पूरा करने में परेशानी आ सकती है।
वहीं रेहन पंचायत प्रधान सुनीता कश्यप का कहना है कि वह इस निर्णय के बिल्कुल खिलाफ है और सरकार से इस प्रकार के आदेशों को तुरंत वापिस लेने की मांग उठाई गई है। बता दें कि मनरेगा में कई प्रकार की धांधलियां हाजरियों में की जाती है जोकि इस नए सिस्टम से दूर हो सकती है। लेकिन इसका पंचायत प्रतिनिधी विरोध कर रहे हैं।