शिमला, 06 जनवरी : मिड डे मील वर्कर यूनियन शुक्रवार को सांसद प्रतिभा सिंह से अपनी मांगों को लेकर मिली। वर्करों ने सांसद से गुहार लगाई कि उनके वेतन को बढ़ाया जाए। दूसरे कर्मचारियों की तरह उन्हें भी छुट्टी का प्रावधान होना चाहिए। इसके अलावा स्कूलों में दो मिड डे मील वर्करों की तैनाती की जानी चाहिए। मिड डे मील वर्करों का मानदेय 10,500 किया जाए। अभी मात्र 3500 रुपए दिए जा रहे हैं।
वर्करों को 10 की बजाए 12 महीने का वेतन मिलना चाहिए। वेतन हर महीने दिया जाए, ताकि रोज़ी रोटी पर संकट न आए। मिड डे मील वर्करों के लिए भी दूसरे कर्मचारी की तरह छुट्टी का प्रावधान होना चाहिए। केंद्र सरकार अपनी छंटनी प्रक्रिया को बदलें। इसमें 25 बच्चों पर एक वर्कर रखा गया है, जबकि एक स्कूल में दो लोगों की जरूरत है। इन मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा गया।
वर्करों को नियमित कर्मचारी का दर्जा मिलना चाहिए। सीटू प्रांत सचिव विजेंद्र मेहरा का कहना है कि प्रदेश में आशा वर्कर और मिड डे मील वर्कर की दयनीय स्थिति है। इन्हें न तो न्यूनतम वेतन मिल रहा है और न ही काम के बाद पेंशन की सुविधा मिलेगी। वर्कर की मांगों को लेकर सांसद प्रतिभा सिंह को ज्ञापन सौंपा गया है।
उन्होंने कहा कि उम्मीद है मिड डे मील वर्कर की आवाज को केंद्र सरकार के कानों तक पहुंचाया जाएगा। वहीं, सांसद प्रतिभा सिंह ने कहा कि मिड डे मील वर्कर का लंबे समय से अपनी मांगों को लेकर आवाज उठा रहे हैं। उनकी मांगों को केंद्र के समक्ष उठाया जाएगा।