श्री रेणुका जी, 06 जनवरी : कला पहचान की मोहताज नहीं होती कला खुद बोलती हैं, संसार में अनेक ऐसे लोग हैं, जिनकी कला को देखकर हर कोई दंग रह जाता है। ऐसे ही एक कलाकार हैं… राहुल शर्मा। राहुल का जन्म सिरमौर की संगडाह तहसील के ग्राम बाऊनल में हुआ। पिताजी किसान है। राहुल शर्मा ने आठवीं कक्षा से चित्रकला के कार्य को शुरू किया इसके बाद कभी पीछे मुडकर नहीं देखा। सबसे पहली तस्वीर उन्होंने भगवान श्री कृष्ण की बनाई। फिर सिलसिला शुरू हो गया।
हैरान करने वाला तथ्य यह हैं कि राहुल ने इस विषय में कोई शिक्षा नहीं ली है। चित्रकला का गुण कुदरत से सौगात में मिला हैं, यानि चित्रकला गॉड गिफ्ट है। राहुल के स्केच लोगों को बहुत पसंद आते हैं, लोंगों में राहुल के स्कैच को लेकर इतना आकर्षण रहता हैं कि इनके द्वारा बनाए 15 स्कैच में से 12 स्कैच ख़रीदे जा चुके हैं। राहुल के द्वारा तीन प्रकार के स्कैच बनाए जाते हैं। स्कैच की कीमत 500 रुपए से लेकर 5000 रुपए तक है।
राहुल ने एमबीएम न्यूज़ नेटवर्क से बातचीत में बताया कि उन्होनें कीमत इस्तेमाल सामग्री और स्कैच के आकार पर निर्भर करती है। वह स्कैच बनाने में फेबिनो शीटस और स्टेडलर पेंसिल का प्रयोग करते है। ये सामग्री बाजार में महंगी मिलती है। साधारण फोटो बनाने में 2 घंटे तो बड़े स्तर की फोटो बनाने में 10 दिन भी लग जाते है।
वर्तमान में राहुल शर्मा डीएवीएन पब्लिक स्कूल (DAVN Public School) ददाहू में कला अध्यापक के पद पर कार्यरत है। राहुल का एक ही सपना हैं कि वह विद्यालय के विद्यार्थियों को चित्रकला का ऐसा ज्ञान प्रदान करें जो उनको न केवल क्षेत्र में सही दिशा प्रदान करें, अपितु छिपे कलाकार को सामने लाया जा सके। क्योंकि हीरा तराशने के बाद चमक उठता है। राहुल ने कहा कि वो प्रयास में बहुत हद तक सफल भी हो रहें हैं। बहुत से विद्यार्थी चित्रकला में अच्छा प्रयास कर रहें हैं। स्कूल प्रधानाचार्य ने कहा कि राहुल शर्मा के सान्निध्य में विद्यार्थियों की प्रतिभा निखर रही है।
बता दे कि हाल ही में राहुल ने प्रधानाचार्य का स्केच बनाकर उन्हें भेंट किया। इसके अलावा वह भाजपा जिला अध्यक्ष विनय गुप्ता,प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी स्केच बना चुके हैं, उस अवसर की तलाश में हैं जब वह प्रधानमंत्री को सप्रेम भेट कर सके। राहुल शर्मा ने अपनी इस कला का श्रेय भगवान को प्रदान किया हैं, जिन्होंने उसे ऐसी कला प्रदान की जो न केवल अदभुत हैं, अपितु उसके माध्यम से वह विद्यार्थियों को भी हीरे की तरह तराश रहें है।