नाहन, 05 जनवरी : रमन कुमार की उम्र 18 साल है। अनुसूचित जाति से संबंध रखता है। ग्रामीण परिवेश में ट्रांसगिरि की कांटीमश्वा पंचायत के खील गांव में जन्म हुआ। दसवीं की परीक्षा में 700 में से 651 अंक प्राप्त किए। 12वीं की परीक्षा में 500 में से 448 अंक हासिल कर परिवार को गौरवान्वित किया। 7 बहन-भाईयों में सबसे बड़ा है। पहाड़ सी चुनौती लेकर आगे की पढ़ाई करने नाहन काॅलेज में दाखिला लिया है। गुरबत ऐसी कि दो वक्त की रोटी का इंतजाम करना मुश्किल हो जाता है।
निश्चित तौर पर ही आप सोचना शुरू कर चुके होंगे कि हम आपको रमन के बारे में ये सबकुछ क्यों बता रहे हैं। दरअसल, एक होनहार लड़के के जीवन में गुरबत के कारण इतनी चुनौतियां हैं कि सुनते-सुनते शायद आपकी आंखें भी नम हो सकती हैं।
चलिए बताते हैं…
सपनों को पंख लगाने रमन नाहन पहुंच जाता है, ताकि काॅलेज की पढ़ाई के साथ-साथ प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी भी कर सके, लेकिन गरीब पहाड़ी युवक के सामने पहाड़ जैसी चुनौती सामने आ गई। चंद महीने पहले ये पता चला कि 7 साल की बहन अमिषा को ब्लड कैंसर की गंभीर बीमारी है। आनन-फानन में पीजीआई चंडीगढ़ ले जाया गया। पिता दिहाड़ी करें या बेटी की देखभाल। यही नहीं, रमन खुद भी न्यूरो की बीमारी से पीड़ित है। उल्लेखनीय है कि गांव का युवक हिन्दी के साथ-साथ अंग्रेजी भाषा में भी पकड़ रखता है।
#WATCH || 7 साल की बहन के कैंसर के इलाज की खातिर दिहाड़ी करने को मजबूर हुआ 18 साल का मेधावी रमन
बावजूद इसके काॅलेज भी जा रहा है, साथ ही दिहाड़ी लगाकर चंद रुपए भी कमा रहा है। एक जगह रोजाना 8 घंटे की नौकरी करने के बाद 10 दिन की पगार महज 1 हजार मिली थी। बेशक ही अपनी दास्तां सुनाते-सुनाते रमन की आंखों में आंसू आ जाते हैं, लेकिन वो हिम्मत नहीं हारता। जब भी अवसाद हावी होने लगता है तो अपनी डायरी में जीवन की कठिन परीक्षा की क़ड़वी सच्चाई को शब्दों में उकेर देता है।
स्वाभिमान ऐसा…
18 साल का युवक रमन 4 जनवरी 2023 की शाम एमबीएम न्यूज नेटवर्क के कार्यालय में पहुंचता है। मिट्टी से सने कपड़ों में रमन को केवल हौंसले की दरकार थी। संपादक ने 500 रुपए की मदद की तो इसे लेने से इंकार करता रहा। बमुश्किल ये राशि लेने को तैयार हुआ। इसके बाद एक शर्त पर सोशल मीडिया से मदद लेने को तैयार हुआ कि जब वो जीवन में कुछ बन जाएगा तो राशि को लौटाएगा। यदि ये संभव नहीं हुआ तो अपनी तरह के ही किसी जरूरतमंद पर राशि को खर्च करेगा।
ये बताया….
विशेष बातचीत के दौरान रमन (6230330649) का कहना था कि बहन के उपचार पर 5 से 6 लाख की राशि खर्च होगी। अढ़ाई साल इलाज चलेगा। खुद की दवाओं पर भी हर महीने 3 से 4 हजार का खर्च आता है। तमाम स्त्रातों से परिवार की मासिक आमदनी 5 से 10 हजार के बीच हो पाती है। इसमें पिता के सामने रमन के 6 छोटे भाई बहनों की परवरिश की जिम्मेदारी भी है तो एक नन्ही बेटी को ब्लड कैंसर की बीमारी को हराना है।
बड़ा सवाल….
18 साल के रमन की आपबीती कई सवाल भी पैदा कर रही है। सरकार अनुसूचित जाति के मेधावी छात्रों व उत्थान के लिए अरबों रुपए की योजनाओं के कसीदे पढ़ती है। हैरान करने वाली बात ये है कि बीपीएल परिवार से ताल्लुक रखने वाले रमन के परिवार को अब तक एक भी सरकारी योजना का लाभ नहीं मिला है।
छात्रवृति की बात करें तो दसवीं कक्षा में शानदार अंक लेने पर रमन को लैपटॉप तो मिल गया है, लेकिन इसके इस्तेमाल के लिए वो नेट की व्यवस्था कैसे करे।
ये भी बोला…
हालांकि रमन परेशान तो है, लेकिन हौंसले को टूटने भी नहीं दे रहा। एक सवाल पर कहा, आगे की पढ़ाई ज्ञान बढ़ाने के लिए कर रहा हूं, क्योंकि ऐसा लगता है कि 90 प्रतिशत से भी अधिक अंक हासिल करने वाले गरीबों को कुछ नहीं मिलता है।
यदि आप चाहते हैं रमन की मदद तो ये बैंक डिटेल….
Account No. 08630110025109
Account Holder Name : Inder Singh
IFSC Code : UCBA0000863
Mobile No. 9805313122