घुमारवीं, 05 जनवरी : बिलासपुर के नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. निशांत वर्धन का चयन ग्लूकोमा फैलोशिप के लिए हुआ है। इस उपलब्धि को हासिल करने वाले डा. निशांत वर्धन हिमाचल प्रदेश के पहले पुरुष चिकित्सक हैं। इससे पहले एक महिला चिकित्सक इस उपलब्धि को हासिल कर चुकी है।
डॉ निशांत आल इंडिया रैंक (एआईआर-1 जनरल कैटेगरी) पर इस टैस्ट को क्वालीफाई किया। डा. वर्धन चंडीगढ़ स्थित पीजीआई में ग्लूकोमा फैलोशिप करेंगे। जिसका कार्यकाल करीब एक साल होगा। इस उपलब्धि का बिलासपुर ही नहीं बल्कि हिमाचल प्रदेश को निकट भविष्य में बहुत लाभ होगा।
नगर के डियारा सेक्टर के रहने वाले डा. निशांत वर्धन के पिता कृष्ण पाल आरएंडटी फैक्टरी से सेवानिवृत हुए हैं। माता कुशल गृहणी है। धर्मपत्नी डा. शिवांजलि बंसल दंत रोग विशेषज्ञ है। वहीं छोटा भाई प्रशांत वर्धन हिमाचल प्रदेश विद्युत बोर्ड में कनिष्ठ अभियंता पद पर सेवाएं दे रहे हैं।
डॉ निशांत ने अपनी एमबीबीएस और एमडी (नेत्र शल्य चिकित्सा) की पढ़ाई इंदिरा गांधी मेडीकल कालेज शिमला से पूरी की। आरकेजीएमसीएच हमीरपुर में सीनियर रेजीडेंट चिकित्सक के तौर पर सेवाएं दी। उल्लेखनीय है डा. निशांत वर्धन मृदृभाषी, एक गुणी, काबिल और मेहनती नेत्र रोग विशेषज्ञ हैं। इससे पूर्व बिलासपुर जिला अस्पताल में सेवाएं दे रहे डा. निशांत ने अपनी काबलियत के बूते सैंकड़ों मरीजों की आंखों की रोशनी लौटाई है।
वृद्धाश्रम घागस के सदस्य पप्पू और शंकर जिन्हें दोनो ही आंखों से दिखाई नहीं देता था, का सफल ऑपरेशन कर इस सुंदर संसार को देखने के काबिल बनाने वाले डा.निशांत असहाय लोगों की मदद स्वयं की। मरीजों के इलाज के लिए जेब से खर्च करने में कभी नहीं हिचकिचाते। डा. निशांत अपने कार्यक्षेत्र में अन्यों के लिए प्रेरणास्रोत बने हैं।