शिमला, 04 जनवरी : राजधानी के इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में फर्जी दस्तावेजों से दाखिला लेने का मामला सामने आया है। हैरत की बात यह है कि आरोपित पिछले दो महीनों से मेडिकल कॉलेज में कक्षाएं भी लगा रहा था। नेशनल मेडिकल काउंसिल (एनएमसी) ने जब रिकॉर्ड खंगाला तो फर्जी दाखिले का खुलासा हुआ और आरोपित पकड़ में आया। आइजीएमसी के प्रिंसिपल की शिकायत पर आरोपित के विरुद्ध शिमला के थाना सदर में आईपीसी की धारा 420, 467 व 471 के तहत मामला दर्ज किया गया है। आरोपित की पहचान घुमारवीं निवासी कार्तिक शर्मा के तौर पर हुई है।
शिकायत के मुताबिक कार्तिक शर्मा को राज्य कोटा के तहत एमबीबीएस कोर्स में पहले दौर की काउंसलिंग के दौरान प्रवेश मिला है और 03 नवम्बर 2022 को अटल मेडिकल रिसर्च यूनिवर्सिटी नेरचैक मंडी द्वारा आईजीएमसी मेडिकल कॉलेज आवंटित किया गया था। कार्तिक शर्मा का एनएमसी ऑनलाइन पोर्टल पर डेटा अपलोड करते समय सामने आया है कि रोल नंबर, नाम, स्कोर कार्ड और एनईईटी यूजी स्कोर कार्ड की बाकी सामग्री एनएमसी वेबसाइट में पहले से अपलोड की गई जानकारी से मेल नहीं हुई हैं।
जांच में सामने आया है कि आरोपित छात्र ने नीट की वेबसाइट पर घोषित रिजल्ट से एक छात्रा का सर्टिफिकेट डाउनलोड कर उसमें छेड़छाड़ कर फर्जी दस्तावेज तैयार किए। इसी आधार पर वह काउंसलिंग में गया व उसका नंबर भी आ गया। कांसलिंग का पूरा रिकॉर्ड नेशनल मेडिकल काउंसिल (एनएमसी) को देना होता है। एनएमसी ने जब रिकॉर्ड को देखा तो एक एडमिशन फर्जी पाई गई। उन्होंने इसकी सूचना कॉलेज के साथ शेयर की। आईजीएमसी ने इसकी जांच कर छात्र का रिकॉर्ड जांचा और फर्जीबाड़े की पोल खुली।
एएसपी सुनील नेगी ने बताया कि मामला दर्ज कर आरोपित को गिरफ्तार कर कार्रवाई अमल में लाई जा रही है।