शिमला, 30 दिसंबर : सीबीआई ने जाली प्रमाणपत्रों पर चिकित्सा परिषदों के साथ विदेशी चिकित्सा स्नातकों के पंजीकरण में कथित अनियमितताओं की जांच देवभूमि में भी पहुंची है। इससे जुड़े मामलों में सीबीआई ने विभिन्न राज्यों/केंद्र शासित राज्यों में लगभग 91 स्थानों पर तलाशी ली है। इसमें हिमाचल के शिमला व हमीरपुर में भी सीबीआई (CBI) की टीम ने दबिश दी।
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो के प्रवक्ता ने बताया कि दिल्ली, चंडीगढ़, अमृतसर, गुरदासपुर, भटिंडा, खन्ना, करनाल, सवाईमाधोपुर, नरवाना, हमीरपुर, शिमला, जम्मू, श्रीनगर, देहरादून, गाजियाबाद, गुवाहाटी, तेजपुर, इंफाल, सिक्किम, राजपुर, पटना, मुंगेर, मुंबई, जयपुर, सीकर, विजयवाड़ा, वारंगल, तिरुनेलवेली, मदुरै, भोपाल, नागपुर, बुलढाणा, पुणे, जलगांव, दरभंगा, भागलपुर, चंपारण, बेगूसराय, बोकारो, विजाग, हाजीपुर, वैशाली, नालंदा आदि सहित लगभग 91 स्थानों पर स्थित कुछ चिकित्सा परिषदों के साथ-साथ विदेशी चिकित्सा स्नातकों (FMGs) के परिसरों में तलाशी ली, जिसमें एफएमजी परीक्षा के जाली उत्तीर्ण प्रमाणपत्र सहित कई आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद हुए।
सीबीआई ने आयुर्विज्ञान में राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड (NBEMS) द्वारा आयोजित विदेशी चिकित्सा स्नातक परीक्षा उत्तीर्ण करने के जाली प्रमाण पत्र के आधार पर कई राज्यों में चिकित्सा परिषदों (State Medical Council) के साथ विदेशी चिकित्सा स्नातकों के पंजीकरण में अनियमितताओं के आरोप पर राज्य चिकित्सा परिषदों एवं एमसीआई (MCI) के अज्ञात लोक सेवकों व 73 विदेशी चिकित्सा स्नातकों और अन्य अज्ञात लोक सेवकों/निजी व्यक्तियों के विरुद्ध 21 दिसंबर 2022 को मामला दर्ज किया था।
यह भी आरोप है कि अनिवार्य योग्यता परीक्षा उत्तीर्ण करने में विफल रहने वाले 73 विदेशी चिकित्सा स्नातक कई राज्यों में चिकित्सा परिषदों में पंजीकृत करवाने में कामयाब रहे। आगे यह आरोप है कि ऐसे जाली प्रमाणपत्रों पर पंजीकरण ने उम्मीदवारों को देश भर के अस्पतालों में प्रैक्टिस या नौकरी सुरक्षित करने में सक्षम बनाया।
क्या है FMGE परीक्षा
विदेश से मेडिकल (MBBS) की पढ़ाई करने के बाद भारत में प्रैक्टिस के लिए एफएमजीई की परीक्षा क्वालीफाई करनी होती है। फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट्स एग्जामिनेशन (FMGE) परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद ही डॉक्टरी का लाइसेंस मिलता है। इसे राज्य चिकित्सा परिषदों द्वारा प्रदान किया जाता है। ये परीक्षा उत्तीर्ण करना काफी कठिन होता है। टैस्ट एक बार में पास करने की दर 25 फीसदी से कम पाई गई है।