हमीरपुर,29 दिसंबर : “मुश्किल राहों में भी बिलकुल आसान सा सफर लगता है, ये कुछ और नहीं बस मेरे पिता की दुआओं का असर लगता है।” आपने अक्सर सुना होगा कि पिता ने बेटी की जान बचाकर उसे नवजीवन दे दिया। लेकिन हमीरपुर की एक बेटी ने अपने पिता को मौत के मुंह से बाहर निकाल कर यह साबित कर दिया है कि बेटी वास्तव में अनमोल है।
जिला के टौणी देवी की बेटी ने बीमार पिता की जान बचाने के लिए अपने लीवर का एक हिस्सा दान कर दिया है। पिता लिवर की बीमारी से जूझ रहे थे तो बेटी ने अपनी जान की परवाह किए बिना ट्रांसप्लांट के लिए अपने लीवर का एक हिस्सा पिता को दे दिया। पिता पूर्व सैनिक मोहिंद्र शर्मा लंबे समय से लिवर की बीमारी से जूझ रहे थे। डॉक्टरों ने लिवर ट्रांसप्लांट की सलाह दी थी, ऐसे में बेटी प्रिया ने अपने लीवर का एक हिस्सा दान किया है।
बताया जा रहा है कि ट्रांसप्लांट के बाद पिता-पुत्री दोनों स्वस्थ हैं और स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं। डॉक्टर की सलाह के बाद परिवारजनों ने विचार-विमर्श किया और बेटे ने पिता की जान बचाने के लिए अपने लिवर का एक हिस्सा दान करने का निर्णय लिया था। डॉक्टरों की सलाह के बाद मोहिंद्र की बेटी प्रिया ने अपनी जांच कराई तो ट्रांसप्लांट के लिए उनका लिवर मैच हो गया।
गौरतलब है कि पूर्व सैनिक मोहिंद्र शर्मा की दो जुड़वा बेटियां हैं। एक बेटी प्रिया दिल्ली में ही उक्त अस्पताल में स्टाफ नर्स के रूप में कार्य कर रही है। जिस अस्पताल में प्रिया बतौर स्टाफ नर्स कार्य करते है वहीं पर यह लिवर ट्रांसप्लांट का ऑपरेशन हुआ।
पिता बोले मुझे बेटी पर नाज
पिता मोहिंद्र शर्मा का कहना है कि बेटी ने उनकी जान बचाने के लिए लिवर दान देने का निर्णय लेने को एक क्षण नहीं सोचा। उन्हें अपनी बेटी के ऊपर गर्व है बेटी ने यह साबित कर दिया है कि वह बेटों से किसी भी रुप से कम नहीं है।