शिमला, 28 दिसंबर : प्रदेश में नई सरकार के गठन के बाद नौकरशाही में दो प्रमुख पदों के लिए वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों के बीच लॉबिंग तेज हो गई है। मंगलवार को प्रमुख सचिव आरडी धीमान को मुख्य सूचना आयुक्त बनाए जाने से चीफ सेक्रेटरी बनने के लिए कई वरिष्ठ नौकरशाह अपनी गोटियां फिट कर रहे है।
वहीं मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव रहे सुभाशीष पांडा के केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने से इस महत्वपूर्ण पद के लिए भी नौकरशाह सक्रिय हो गए है। मगर सीएम सुखविंद्र सिंह सुक्खू इस मामले में जल्दबाजी में नहीं दिखते। उसका सबसे बड़ा कारण पिछली सरकार के समय पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर नौकरशाही पर लगाम कसने में विफल रहे। पूरे कार्यकाल के दौरान उन पर नौकरशाही के हावी रहने के आरोप लगते रहे। कई बार महत्वपूर्ण फैसलों को लेकर सरकार पर उन्हें पलटने के आरोप भी लगते रहे।
नए सीएम सुक्खू नहीं चाहते कि इस प्रकार की गलती वो भी दोहराएं। इसलिए इन दोनों महत्वपूर्ण पदों के लिए अभी काफी सोच-विचार कर इनकी तैनाती होगी। फ़िलहाल मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव पद के लिए हिमाचल से सम्बन्ध रखने वाले वरिष्ठ नौकरशाह ओंकार शर्मा का दावा सबसे मजबूत माना जा रहा है। ओंकार शर्मा प्रदेश के चंबा जिले के रहने वाले है। वह सिरमौर व मंडी के डीसी भी रहे है। डिवीजनल कमिश्नर के रूप में भी उनका अनुभव काफी ज्यादा है। यदि सब कुछ ठीक रहा तो ओंकार शर्मा का मुख्यमंत्री का प्रधान सचिव बनना लगभग तय माना जा रहा है।
चीफ सेक्रेटरी के लिए फंसा है पेंच
वर्तमान में मुख्य सचिव आरडी धीमान का कार्यकाल 31 दिसंबर को समाप्त होना है। मगर सरकार ने इससे पहले ही उन्हें प्रदेश का मुख्य सूचना आयुक्त बनाने का निर्णय लिया है। यह पद नरेंद्र चौहान के रिटायर्ड होने के बाद काफी समय से खाली चल रहा था। वैसे भी धीमान को चार वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों की वरिष्ठता को दरकिनार कर चीफ सेक्रेटरी बनाया गया था। उनसे सीनियर रामसुभग सिंह को हटाकर उन्हें तैनाती दी गई थी। इसके अलावा उनसे सीनियर निशा सिंह व संजय गुप्ता के अलावा केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर चल रहे अली रजा रिजवी भी धीमान से वरिष्ठ थे।
इसके अलावा 1989 बैच के अधिकारी कें संजय मूर्ति भी सीएस की दौड़ में शामिल है। वहीं 1990 बैच के अतिरिक्त मुख्य सचिव (वित्त) प्रबोध सक्सेना की दावेदारी को भी नहीं नकारा जा सकता। इन अधिकारियों में से किसे सीएम सुक्खू चुनते है वह देखने वाली बात होगी। पिछली सरकार के बार बार सीएस बदलने की परंपरा को नए सीएम विराम देना चाहते है। वह भली भांति जानते है कि कुशल प्रशासन चलाने के लिए नौकरशाही व उनके बीच तालमेल होना बहुत जरूरी है। इसलिए चीफ सेक्रेटरी की नियुक्ति में हर पहलू का ध्यान रखा जा रहा है। मुख्यमंत्री टिकाऊ व योग्य प्रशासक को इस पद पर तैनाती देंगे। ताकि सरकार की नीतियों को धरातल पर पूरी तरीके से उतारा जा सके।