शिमला, 24 दिसंबर : सीपीआईएम नेता राकेश सिंघा ने कांग्रेस सरकार द्वारा डी नोटिफाई किए जा रहे संस्थानों को बंद करने का विरोध किया है। सरकार को 15 दिन का समय देकर इन संस्थानों को रिव्यु कर फिर से खोलने को लेकर पैरा मीटर तय करने को कहा है।
राकेश सिंघा ने शिमला में पत्रकार वार्ता में कहा कि पिछले कुछ वर्षों से राजनीतिक लाभ के मकसद से सरकार ने चुनावी वर्ष में बड़ी-बड़ी घोषणाएं करने की प्रथा शुरू की है, जो लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है। राकेश सिंघा ने कहा कि अगर सरकार ने इसको लेकर कोई निर्णय नहीं किया तो लोगों को जागरूक कर बड़ा आंदोलन शुरू किया जाएगा। पिछले पांच वर्षों में हिमाचल प्रदेश में भर्तियों में धांधली की बाते सामने आई है।
पिछले कल जेओए आईटी पेपर लीक को लेकर जो लोग गिरफ्तार हुए है, इसकी गहनता से जांच की जानी चाहिए। इसके अलावा लोक सेवा आयोग के माध्यम से भी असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों के लिए नियमों को बदला गया है, जिस पर पुनर्विचार किया जाना चाहिए। बेसिक मेरिट के आधार पर पदोन्नति व भर्तियां होनी चाहिए।
सिंघा ने सीमेन्ट फैक्ट्री विवाद को लेकर कहा कि अदाणी की मनमानी नहीं चलेगी। सीपीआईएम ट्रक ऑपरेटर के साथ खड़ी है। सरकार को विवाद सुलझाने के लिए जल्द रास्ता निकालना चाहिए।