नाहन, 23 दिसंबर : हिमाचल प्रदेश के मध्य शीत इलाकों में अक्टूबर से फरवरी तक ऐसा वक्त होता है, जब किसान व बागवान खेतों के साथ- साथ में बगीचों में कुछ खास नहीं कर पाते। हालांकि कुछ कार्य चलते रहते हैं, लेकिन ऐसी फसलें नहीं होती, जिससे आमदनी हासिल की जा सके। आप जानकर हैरान होंगे कि सिरमौर के रेणुका जी विधानसभा के सैनधार (SainDhar) इलाके के युवाओं ने इस अवधि का भी बखूबी इस्तेमाल करने का खास तरीका खोज निकाला है।
मध्य शीत इलाके में बसे किसान अक्टूबर से फरवरी तक खेतों या बगीचे से आमदनी हासिल नहीं कर सकते, लेकिन इंडोर रूम (Indoor Room) में नियंत्रण तापमान पर मशरूम की पैदावार अवश्य ही हासिल की जा सकती है, इस समय क्षेत्र में एक एनजीओ की मदद से 35 मशरूम यूनिट स्थापित की गई हैं। बटन मशरूम (Button Mushroom) के अलावा ढींगरी की खेती (Oyster Mushroom Cultivation) की जा रही है, इसकी मार्केटिंग भी ददाहू में आसानी से हो रही है।
एमबीएम न्यूज नेटवर्क से बातचीत में क्षेत्र के प्रगतिशील युवा किसान व बागवान अर्जुन अत्री ने कहा कि यह ऐसी अवधि होती है, जब खेता व बगीचों में कोई खास फसल नहीं होती लिहाजा अक्टूबर से फरवरी तक मशरूम की खेती का विकल्प तलाश कर प्रयोग किया गया है।
आपको बता दें कि जलाल नदी के किनारे बसे सैन धार क्षेत्र की पहचान कल- कल बहते पानी के साथ नकदी फसलों के पैदावार करने वाले मेहनतकश किसानों की वजह से होती है। जुलाई 2021 में इलाके के शिक्षित युवा उस समय चर्चा में भी आए थे, जब कम ऊंचाई वाले सेब की वैरायटी को सफलतापूर्वक रोपने के बाद सैंपल लेने में सफलता हासिल की थी। इस साल भी बागवानों ने सेब से अच्छी आमदनी प्राप्त की।
युवाओं के हौसलों के आगे मौसम की चुनौती भी नतमस्तक, इनडोर खेती शुरू कर पेश की नई मिसाल
सिरमौर के मुख्यालय से महज 40 से 45 किलोमीटर दूर स्थित क्षेत्र के किसान व बागवानी की बदौलत अलग पहचान बना रहे है, वह दिन भी दूर नहीं है, जब यहां के युवा अपने क्षेत्र को एक अलग पहचान समूचे देश में दिलवा देंगे। स्टार्टअप में भी क्षेत्र के युवाओं ने पंजीकरण हासिल करने में सफलता प्राप्त की है।
एमबीएम न्यूज़ नेटवर्क से बातचीत में प्रगतिशील युवा किसान अर्जुन अत्री ने बताया कि एएचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) की फंडिंग से एनजीओ एट इंडिया ( At India) ने इलाके में 35 यूनिट्स स्थापित की है। रॉ मटेरियल से मार्केटिंग तक वैल्यू चैन में गैर सरकारी संघटन का सहयोग मिल रहा है। उन्होंने बताया कि दो प्रोसेसिंग यूनिट को बेचर का बाग़ में भी स्थापित किया गया है। इसके माध्यम से प्रोसेसिंग वैल्यू एडिशन और मार्केटिंग की दिशा में कार्य किया जा रहा है।