शिमला/प्रकाश शर्मा : हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की सादगी यूं तो किसी से छिपी नहीं है। एक आम परिवार से संबंध रखने वाले सुखविंदर सिंह सुक्खू को आज हिमाचल प्रदेश की कमान मिल चुकी है। पिता एचआरटीसी में ड्राइवर थे, तो खुद कॉलेज टाइम पर दूध व अखबार बेचकर अपना खर्चा चलाते थे। सादगी व कठिन परिश्रम का परिणाम देखिए आज सुखविंदर सिंह सुक्खू हर अखबारों की सुर्खियां बटोर रहे हैं। आज हम आपको उनकी इस सादगी से जुड़ा एक और किस्सा सुनाते हैं।
नेशनल टेलीविजन पर चल रहे एक इंटरव्यू के दौरान सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मुख्यमंत्री बनने के बाद के एक किस्से को साझा किया। दरअसल, मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बताया कि जब उनका नाम प्रदेश के मुख्यमंत्री के लिए घोषित हुआ तो कुछ पल के लिए वह भावुक हो गए, जो स्वाभाविक भी था। लेकिन इस बीच मुख्यमंत्री ने कहा कि वह सीएम बनने के बाद भी अपनी ऑल्टो कार में वापिस घर जाना चाहते थे। उनकी इच्छा थी कि सुबह अपनी पत्नी व परिवार के साथ वापिस शिमला आ जाएंगे। चूंकि अगले दिन शपथ ग्रहण समारोह रखा गया था।
यहां आपको बता दें कि सुखविंदर सिंह सुक्खू के पास एक ऑल्टो कार है, जिससे उनका चोली दामन का साथ है। वह अक्सर अपनी इसी ऑल्टो में बैठकर इधर -उधर जाया करते थे। तीन बार के विधायक रह चुके सुखविंदर सिंह सुक्खू जब भी किसी राजनीतिक कार्य या निजी कार्य से घर से बाहर निकलते तो अपनी इसी ऑल्टो कार का प्रयोग करते थे। यहां अहम बात यह भी है कि सुक्खू खुद कार को ड्राइव करते थे।
इंटरव्यू के दौरान सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि मुख्यमंत्री की घोषणा होने के बाद ही उन्हें अचानक Z प्लस सिक्योरिटी मिल गई। उनके लिए यह काफी अनोखा अनुभव था। इससे पहले ऑल्टो कार में घूमने वाले व्यक्ति को अचानक ही पुलिस का पहरा और बड़ी गाड़ी मिली तो अजीब सा महसूस होने लगा। सुक्खू ने कहा कि जब उन्होंने अपनी ऑल्टो कार से घर जाने की बात अपने सुरक्षाकर्मियों से कही तो उन्होंने जाने से सख्त मना कर दिया।
सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि एक पल के लिए तो उनके जहन में यह भी बात आ गई कि वह भाषण में हमेशा यह कहां करते है कि हम सत्ता परिवर्तन के लिए नहीं बल्कि व्यवस्था परिवर्तन के लिए आए है। लेकिन यहां तो चंद ही घंटों में अपनी व्यवस्था बदल गई। उन्होंने कहा कि 15 सालों से वह विधायक रहे है, लेकिन आज तक उन्होंने कोई पीएसओ (पर्सनल सिक्योरिटी ऑफिसर) नहीं रखा है। वह खुद कार को ड्राइव करके इधर-उधर जाया करते थे।
सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि अक्सर वह जब दिल्ली आते थे तो एयरपोर्ट के बाद ऑल्टो पकड़ा करते थे। लेकिन इस बार जब मुख्यमंत्री बनने के बाद एयरपोर्ट पर उतरे तो पुलिस सुरक्षा देखकर फिर जहन में वहीं बात आ गई कि जनता के लिए व्यवस्था परिवर्तन की बात करते-करते अपनी व्यवस्था में ही परिवर्तन आ गया।
एक सवाल के जवाब में सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि वह अपनी ऑल्टो कार को अभी भी रखे हुए है। यह कार उन्हें यह याद दिलाती है कि वह कहां से कहां पहुंच गए। आपको ये भी बताते भी कोरोना के समय सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सैलरी नहीं ली थी। उन्होंने केवल एक रुपए वेतन लिया था। कुल मिलाकर हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की ये सादगी हर किसी को भा गई है।