मंडी, 20 दिसंबर : हस्तरेखा देख जन्म तिथि निकालने वाले विख्यात हस्तरेखा विशेषज्ञ पंडित लेखराज शर्मा के पास स्विटज़रलैंड से डोरोथिया जै़गर पहुंची। जैसे ही वे उनके कार्यालय पहुंची, तो वो पंडित लेखराज शर्मा की कार्यप्रणाली दंग रह गई। हजारों किलोमीटर दूर से डोरोथिया जै़गर अपनी सही जन्मतिथि का पता लगाने पहुंची थी। जिसे विख्यात ज्योतिष पंडित लेखराज शर्मा ने पूरा भी किया।
पंडित लेखराज शर्मा ने जै़गर के पारिवारिक व वैवाहिक जीवन के बारे में भी बताया। जै़गर को जब जन्मतिथि निकाल कर दी गई तो वह भी हैरान रह गई क्योंकि डोरोथिया भी एक अपने देश में नामी एस्ट्रोलोज़र है।
हिमाचल के जोगिंदर नगर के पंडित लेखराज शर्मा को ज्योतिष के क्षेत्र में अनोखी व उत्कृष्ट सेवाओं के लिए राष्ट्रपति अवार्ड तथा हिमाचल रत्न से सम्मानित किया जा चुका है। हस्तरेखा (Palm) के आधार पर जातक की जन्मकुंडली बना लेते हैं। देश ऐसी योग्यता रखने वाले ये एकमात्र ज्योतिषी (Astrologer) हैं। पंडित लेखराज शर्मा ने हस्त रेखाओं से जन्म तिथि और जन्म समय का निर्धारण व कुंडली निर्माण करके न केवल ज्योतिष शास्त्र की सत्यता स्थापित की है,बल्कि यह भी सिद्ध किया है कि जातक की हस्त रेखाओं का उसे प्रभावित करने वाले ग्रह नक्षत्रों से परोक्ष संबंध होता है।
पंडित लेखराज शर्मा जी की इस विलक्षण योग्यता का राज जानने की कोशिश की गई इसके जवाब में वो विनम्रता से ज्योतिष के ‘नष्ट जातकम’ अध्याय का हवाला देते है। बताते है कि पंडित लेखराज शर्मा का बचपन ज्योतिष के सिद्धांतों को जानने में ही गुजरा।
पंडित लेखराज पहले सरकारी स्कूल में अध्यापक रहे, फिर भारतीय सेना में बतौर धर्म शिक्षक रहने के दौरान श्रीलंका, अंगोला और भूटान भी गए। एमए के बाद 1979 में बनारस विश्वविद्यालय से पीएचडी की उपाधि हासिल की। मौजूदा में जोगिंद्रनगर की मसौली पंचायत के झलवान गांव में रहते हैं। वो भारतीय सेना में कैप्टन रैंक पर धर्मगुरु भी रह चुके हैं। देश भर के बड़े नेता भी राजनीतिक भविष्य को जानने के लिए पंडित लेखराज शर्मा के पास पहुंचते हैं। बॉलीवुड के सितारे भी कुंडलियां बनाने आते हैं।