नाहन, 01 दिसंबर : भारतीय सेना (Indian Army) में 38 साल अनुकरणीय सेवाएं प्रदान करने के बाद वीरवार को शहर का बेटा अतुल सोलंकी आर्मी के सर्वश्रेष्ठ तीन पदों में लेफ्टिनेंट जनरल (Lieutenant General) के पद से सेवानिवृत्त (retired) हो गया हैं। 1984 में 11वीं गोरखा राइफल्स में कैरियर की शुरुआत करने वाले लेफ्टिनेंट जनरल अतुल सोलंकी ने शानदार कैरियर के दौरान बेशुमार पदक हासिल किए। भारतीय सेना में शहर के बेटे के शानदार सफर पर समूचे शहरवासी गौरवान्वित महसूस करते आए हैं।
2020 में भोपाल स्थित भारतीय सेना के प्रतिष्ठित सुदर्शन चक्र कोर के जीओसी (GOC) का पदभार संभालने वाले लेफ्टिनेंट जनरल अतुल सोलंकी (Lieutenant General Atul Solanki) ने सेना में कई लड़ाकू भूमिका को निभाया है। लंबे कैरियर (Carrier) में उत्तरी सीमा, सीमा नियंत्रण रेखा (LoC), काउंटर इमरजेंसी व काउंटर टेररिज्म ऑपरेशन (Counter Terrorism Operation) में भी शानदार भूमिका निभाई।
भोपाल में सुदर्शन चक्र वाहिनी की कमान संभालने से पहले वो सेना प्रशिक्षण (Army training) कमान शिमला में चीफ ऑफ स्टाफ के पद पर भी तैनात रहे। जनरल ऑफिसर की विशेष सेवाओं के लिए सेना मेडल (Sena Medal) व चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ कमेंडेशन पत्र से भी सम्मानित किया गया है।
मूलत नाहन शहर में महलात के समीप के रहने वाले सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल अतुल सोलंकी स्वभाव से बेहद मिलनसार हैं। जून 2017 में मेजर जनरल बने थे। दो साल के भीतर अप्रैल 2019 में मेजर जनरल से लेफ्टिनेंट जनरल पर पदोन्नत (promoted) हो गए थे। बता दें कि देश भर में सेना को एक समय में 14 लेफ्टिनेंट जनरल मिलते हैं। इस पद पर वो तक़रीबन पौने तीन साल सेवा प्रदान करने के बाद वीरवार को रिटायर हुए।
मई 2017 में लेफ्टिनेंट जनरल अतुल सोलंकी को बिग्रेडियर (Brigadier) से मेजर जनरल के पद पर प्रमोशन मिली थी। इस पद पर पहुंचने वाले शहर के तीसरे बेटे हैं। करीब 15 से 20 साल पहले दिवंगत डीपी मोहिल व स्व. आरपी अग्रवाल भी इस पद पर पहुंचे थे। भारतीय सेना में टाॅप-3 का रुतबा हासिल करने वाले लेफ्टिनेंट जनरल अतुल सोलंकी को गणतंत्र दिवस (Republic day) के मौके पर अति विशिष्ट सेवा मेडल (AVSM) से भी अलंकृत किया गया था।
शिमला केवी स्कूल में पढ़े लेफ्टिनेंट जनरल अतुल सोलंकी का वैसे मूल नाता धारटीधार के मंधाला गांव से है, लेकिन दशकों पहले परिवार नाहन में सैटल हो गया था। परिवार की पृष्ठभूमि भी सेना से जुड़ी रही है। एमबीएम न्यूज नेटवर्क से बातचीत में एक बार उन्होंने कहा था कि सेवानिवृति होने के बाद पैतृक प्रदेश की सेवा करना चाहते हैं।
एक अलग प्रोफाइल…
भारतीय सेना में जनरल की एक खास सेवा प्रोफाइल भी रही। वेलिंगटन में रक्षा सेवा स्टाफ पाठ्यक्रम, दिल्ली में नौसेना उच्च कमान पाठ्यक्रम और राष्ट्रीय रक्षा पाठ्यक्रम इसमें शामिल हैं। उन्होंने कोर, कमांड और डिफेंस ऑफ मिनिस्ट्री (Ministry of Command and Defense) के एकीकरण हेडक्वार्टर में विभिन्न क्षमताओं में महत्वपूर्ण कमांड, स्टाफ और इंस्ट्रक्शनल नियुक्ति निर्धारित की। उनके कार्यकाल में नियंत्रण रेखा के सक्रिय वातावरण में एक बटालियन की कमान, स्वतंत्र माउंटेन ब्रिगेड की कमान और पश्चिमी मोर्चे पर इन्फैंट्री डिवीजन के जनरल ऑफिसर कमांडिंग(GOC) इत्यादि भी शामिल रहा हैं।
वो नेशनल डिफेंस कॉलेज (National Defense College) में एक कमांड के ब्रिगेडियर जनरल स्टाफ ऑपरेशन व सचिव भी रहे हैं। लियोन में तैनाती के दौरान संयुक्त राष्ट्र सहायता मिशन (United Nations Assistance Mission) में सैन्य पर्यवेक्षक के रूप में कार्य किया। भारतीय सैन्य अकादमी (IMA) और रक्षा सेवा स्टाफ कॉलेज, वेलिंगटन में निर्देशन स्टाफ में भी कार्य किया।