बिलासपुर, 29 नवंबर : भारतीय पेसापालो एसोसिएशन की ओर से शीघ्र ही स्कूल गेम्स फेडरेशन आफ इंडिया के माध्यम से पहले ट्रायल बेस नेशनल प्रतियोगिता का शेड्यूल जारी होगा। इसके लिए एसोसिएशन ने तैयारियां शुरू कर दी है। हिमाचल स्कूल शिक्षा बोर्ड की टीम, विद्या भारती, सीबीएसई व इंटरनेशनल बोर्ड की टीम पहले ट्रायल बेस नेशनल प्रतियोगिता में भाग लेगी।
मीडिया को संबोधित करते हुए भारतीय पेसापालो एसोसिएशन के राष्ट्रीय मुख्य प्रवक्ता व हिमाचल प्रदेश महासचिव डीसी शर्मा ने कहा कि इस खेल को स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ इंडिया ने मान्यता दे दी है। जिसके तहत अब स्कूली बच्चे भी जिला स्तर से लेकर राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में भाग ले सकते हैं। उन्होंने बताया कि पहले नेशनल ट्रायल प्रतियोगिता के बाद जो प्रतिभागी बेहतर प्रदर्शन करेंगे उनकी सांझी हिमाचल की टीम बनेगी। जो पेसापालो की राष्ट्रीय स्तरीय में भाग लेगी और वह हिमाचल की प्रतिनिधित्व करेगी। उन्होंने बताया कि भारत में इस खेल का शुभारंभ 2008 में हुआ है। हिमाचल प्रदेश में उनके प्रयासों से वर्ष 2016 से यह खेल शुरू हुआ। पेसापालो सोसिएशन के आरंभ में ही सिरमौर जिले की दो खिलाडियों ने भाग लिया था।
डीसी शर्मा ने बताया कि भारतीय पेसापालो एसोसिएशन ने हर राज्य में इस खेल को बढ़ावा देने के लिए 25 -25 रेफरी प्रशिक्षित करने अथवा तैयार करने का निर्णय लिया है, जिसके तहत एसोसिएशन की ओर से बिलासपुर में दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर 27 व 28 नवंबर को आयोजित किया गया। जिसमें 20 रेफरी तैयार किए गए। इस दौरान राष्ट्रीय कबड्डी कोच रतन ठाकुर ने भी इस खेल को बेहतर बताया।
वहीं, भारतीय पेसापालो एसोसिएशन की हिमाचल ईकाई की ओर से दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का समापन किया गया। जिसमें मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. प्रवीण चौधरी ने मुख्यतिथि के रूप में शिरकत की। उन्होंने प्रशिक्षित रेफरियों को प्रमाण पत्र वितरित किए।
इस अवसर पर भारतीय पेसापालो एसोसिएशन के राष्ट्रीय मुख्य प्रवक्ता व हिमाचल प्रदेश महासचिव डीसी शर्मा ने बताया कि दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर के आयोजन में हिम विकास मंडल हरडी कोठी ने अहम भूमिका निभाई। उन्होंने कहा कि हिम विकास मंडल हरडी कोठी ने फरवरी 2023 में होने वाली राष्ट्रीय प्रतियोगिता के आयोजन का जिम्मा उठाने का भी निर्णय लिया है।