शिमला, 23 नवम्बर : हिमाचल विधानसभा चुनाव के नतीजों में दो हफ्ते से अधिक का समय रह गया है। 12 नवम्बर को हुए मतदान की मतगणना आठ दिसंबर को होगी। चुनाव नतीजों के बाद भी निर्वाचन आयोग की उम्मीदवारों पर विशेष नजर रहेगी।
दरअसल चुनाव परिणाम के बाद विजयी घोषित किए गए किसी उम्मीदवार ने अगर विजयी जुलूस निकालाकर जश्न मनाया तो उसका पूरा खर्च उसी उम्मीदवार के चुनाव खर्च में जुड़ेगा। खास बात यह है कि विजय जुलूस के दौरान बैंड, ढोल, फूलमाला, मिठाईयों इत्यादि के दाम भी आयोग ने तय कर दिये हैं।
निर्वाचन आयोग पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि सभी पार्टी उम्मीदवारों के चुनाव पर होने वाले खर्चे मतगणना के दिन तक उसके खाते में जोड़े जाएंगे। इन खातों की जांच के लिए मतगणना से एक दिन पहले चुनाव आयोग के ऑब्जर्वर और अकाउंटिंग टीमें अपनी ड्यूटी संभाल लेंगी।
जिला निर्वाचन अधिकारी एवं उपायुक्त शिमला आदित्य नेगी ने बुधवार को बताया कि आठ दिसंबर को मतगणना होगी तथा विजयी उम्मीदवारों के विजय जुलूस का खर्च भी उनके व्यय खाते में जुड़ेगा।
आदित्य नेगी ने कहा कि सहायक व्यय प्रेक्षक तथा अकाउंटिंग टीमें मतगणना से एक दिन पूर्व ड्यूटी पर तैनात रहेंगी तथा विजय जुलूस के खर्च पर निगरानी रखेंगीं। उन्होंने कहा कि निर्वाचन विभाग ने राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ चर्चा के उपरांत अलग-अलग वस्तुओं के दाम पहले से ही निर्धारित किए हैं, जिसके हिसाब से व्यय का आकलन किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि बैंड अथवा ढोली के लिए 1000 रुपए प्रति व्यक्ति खर्च निर्धारित किया गया है। इसके अतिरिक्त प्रति फूलमाला के रेट 35-70 रुपए तक निर्धारित किए गए हैं। साथ ही मिठाईयों के दाम भी पहले ही निर्धारित हैं। विजयी जुलूस में इस्तेमाल होने वाली सामग्री जैसे कि झंडे, बैनर, गाड़ी इत्यादि का खर्च भी उम्मीदवार के खर्च में जोड़ा जाएगा।
बता दें कि चुनाव आयोग ने इस विधानसभा चुनाव में प्रत्येक उम्मीदवार के लिए खर्च की अधिकतम सीमा 40 लाख रुपए रखी है। जबकि वर्ष 2017 के चुनाव में यह सीमा 28 लाख रुपए थी।