शिमला, 21 नवंबर : हिमाचल के जिलों में स्थित क्षेत्रीय अस्पतालों में भी अब लेप्रोस्कोपी सर्जरी (Laparoscopic Lurgery) शुरू होगी। इसके लिए आईजीएमसी प्रशासन की ओर से लगभग 200 डॉक्टरों को ट्रेनिंग दी गई है। ऐसे में अब उन मरीजों को इसका फायदा होगा, जो चीरफाड़ के बजाए लेप्रोस्कोपी यानि दूरबीन से ऑपरेशन (surgery) करवाना चाहते है। सरकारी अस्पतालों की बात करें तो हिमाचल में कुछ क्षेत्रीय अस्पतालों को छोड़कर बाकी में लेप्रोस्कोपी सर्जरी नहीं होती है। यहां से मरीजाें को IGMC रैफर किया जाता है।
ऐसे होता है लेप्रोस्कोपी ऑपरेश मरीजों का ऑपरेशन दो प्रकार से होता है, जिसमें एक प्रक्रिया में चीरफाड़ की जाती है। वहीं दूसरी प्रक्रिया में दूरबीन से ऑपरेशन होता है। लेप्रोस्कोप एक लंबा, पतला और लचीला ट्यूब है। जिसके एक हिस्से पर लाइट और कैमरा लगा होता है। इस उपकरण की मदद से डॉक्टर कंप्यूटर स्क्रीन पर पेट के आंतरिक हिस्सों को आसानी से साफ-साफ देख पाते है।
लेप्रोस्कोपी के दौरान शरीर के अनेको अंगों का मूल्यांकन किया जाता है। जिसमें मुख्य रूप से पेल्विक या प्रजनन अंग, बड़ी और छोटी आंत, स्प्लीन, पित्ताशय, किडनी, अपेंडिक्स, लिवर और पैंक्रियाज आदि शामिल है।
आईजीएमसी सर्जरी डिपार्टमेंट के एचओडी डॉ. एसएस जोबटा का कहना है कि हम प्रदेश के हर अस्पताल में लेप्रोस्कोपी सर्जरी शुरू करने जा रहे है। इसके लिए हमने डॉक्टरों को ट्रेनिंग दी है। ऑपरेशन कैसे करना है, इसके गुर सिखाए गए है। जल्द ही क्षेत्रीय अस्पतालों में ये सुविधाएं मिलनी शुरू हो जाएगी। उनका कहना है कि मरीजों को किसी तरह की दिक्कत न हो, इसलिए ये फैसला लिया गया है।