शिमला,16 नवम्बर: हिमाचल प्रदेश के सरकारी अधिकारियों व कर्मचारियों की बायोमेट्रिक हाजिरी को लेकर प्रदेश हाईकोर्ट ने तल्ख टिप्पणी की है। हाईकोर्ट ने बायोमेट्रिक्स हाजिरी पर प्रदेश सरकार के रवैया पर सवाल खड़े किए हैं। हाईकोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार ने कोविड-19 स्थिति की समीक्षा करने के बाद तमाम मंत्रालयों में बायोमेट्रिक उपस्थिति फिर से शुरू करने के निर्देश जारी किए।
हाईकोर्ट ने यह भी देखा कि कई राज्य सरकारों ने कर्मचारियों के लिए बायोमेट्रिक प्रणाली के माध्यम से उपस्थिति दर्ज करना अनिवार्य कर दिया है, लेकिन हिमाचल प्रदेश सरकार सोई हुई प्रतीत होती है, क्योंकि उसने अब तक बायोमेट्रिक उपस्थिति के निलंबन को रद्द नहीं किया है।
हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के मुख्य सचिव को विभागों, बोर्डों और निगमों में अधिकारियों व कर्मचारियों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए बायोमेट्रिक व्यवस्था को चालू करने के निर्देश दिए हैं।
जस्टिस तरलोक सिंह चौहान और जस्टिस वीरेंद्र सिंह की खंडपीठ ने एक निष्पादन याचिका की सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किए , जिसमें उच्च शिक्षा निदेशालय शिमला के कार्यालय से अधिकारी की उपस्थिति जरूरी थी, लेकिन वे अदालत में नहीं पहुंचे। मामले की आगामी सुनवाई 22 नवंबर को होगी।