शिमला, 15 नवंबर : हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय (HPU) से वनस्पति विज्ञान (Botany Science) में पीएचडी कर रही अत्यंत मेधावी दिव्यांग छात्रा अंजना ठाकुर नागपुर में हो रही प्रतिष्ठित इंडियन साइंस कांग्रेस में साइंस कांग्रेस एसोसिएशन (ICSA)के शिमला चैप्टर का प्रतिनिधित्व करेगी। वह सीएसआईआर (CSRI) की जूनियर रिसर्च फेलो भी हैं। वहां उन्हें विश्व के जाने माने एवं नोबेल पुरस्कार (Nobel Prize) से सम्मानित वैज्ञानिकों से मिलने का अवसर भी मिलेगा। कुलपति प्रोफेसर सत प्रकाश बंसल ने अंजना ठाकुर को बधाई और शुभकामनाएं दी हैं।
विश्वविद्यालय के विकलांगता मामलों के नोडल अधिकारी प्रो. अजय श्रीवास्तव के अनुसार इंडियन साइंस कांग्रेस एसोसिएशन के शिमला चैप्टर की संयोजक प्रोफेसर नीरज शर्मा की संस्तुति पर अंजना ठाकुर को नागपुर विश्वविद्यालय में 3 से 7 जनवरी तक होने वाली इंडियन साइंस कांग्रेस ( CSC) में भाग लेने का आमंत्रण मिला है। सम्मेलन की इस बार की थीम है “सतत विकास के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी एवं महिला सशक्तिकरण”।
करसोग के पांगणा की रहने वाली अंजना ठाकुर जीवन में अत्यंत विषम परिस्थितियों का सामना कर के आगे बढ़ी हैं। बीपीएल परिवार से संबंध रखने वाली अंजना जब करसोग कॉलेज में बीएससी की छात्रा थी, तो बिजली के करंट लगने से उसका दाहिना हाथ काटना पड़ा था। इसके बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी और बाएं हाथ से लिखने का अभ्यास किया।
अंजना ठाकुर ने बहुत अच्छे अंको से बीएससी और फिर प्रदेश विश्वविद्यालय से एमएससी की परीक्षा उत्तीर्ण की।
इसके बाद पहले ही प्रयास में असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए यूजीसी की नेट और जेआरएफ की कठिन परीक्षा पास कर ली। वह अब प्रदेश विश्वविद्यालय में बॉटनी के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. धीरज सिंह रावत के निर्देशन में पीएचडी कर रही हैं। उनका उद्देश्य वनस्पति विज्ञान में उच्च स्तरीय रिसर्च कर के वैज्ञानिक बनना है। डॉ. रावत ने कहा कि अंजना एक मेधावी और कठिन परिश्रम करने वाली छात्रा है।