कुल्लू, 12 नवंबर : हिमाचल की पर्यटन नगरी मनाली में दरिंदगी का शिकार हुई 2 वर्षीय मासूम को अभी तक इंसाफ नहीं मिल पाया है। 9 दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस को मासूम की मेडिकल रिपोर्ट नहीं मिल पाई है। नेरचौक मेडिकल कॉलेज में उपचाराधीन मासूम को अभी तक यहां से डिस्चार्ज नहीं किया गया है जिस कारण मासूम के माता-पिता भी बच्ची के साथ हैं। पुलिस को इस घटना की गुत्थी को सुलझाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। मामले में अभी तक पुलिस ने कोई गिरफ्तारी भी नहीं की है।
मिली जानकारी के मुताबिक नेरचौक स्थित मेडिकल कॉलेज में मासूम के जो मेडिकल टेस्ट लिए गए थे उसमें एक कल्चर नाम के मेडिकल टेस्ट में इंफेक्शन डिटेक्ट हुआ है। जिस कारण अभी तक मासूम की मेडिकल रिपोर्ट को कंपाइल नहीं किया जा सका है। ऐसे में बताया जा रहा है कि मासूम के मेडिकल संबंधित टेस्ट फिर से लिए जा रहे हैं।
उधर पुलिस मनाली में छानबीन कर रही है। अभी तक मामले में 300 से ज्यादा लोगों से पूछताछ की जा चुकी है। वहीं करीब 20 अपराधिक प्रवृत्ति और संदिग्ध लोगों को पूछताछ के लिए थाने भी तलब किया है। जिनसे गहनता से पूछताछ की गई। लेकिन अभी तक पुलिस के हाथ खाली है। मेडिकल जांच रिपोर्ट न आने के कारण आगे की कार्रवाई ठीक से नहीं कर पा रही है।
डीएसपी मनाली हेमचंद्र वर्मा का कहना है कि अभी तक मेडिकल रिपोर्ट नहीं मिल पाई है, जिस कारण आगे की कार्रवाई करने में पुलिस को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मेडिकल जांच रिपोर्ट मिलने में अभी और समय लग सकता है।
क्या है मामला
गौरतलब है कि मनाली के पास प्रवासी मजदूरों की एक मासूम बच्ची 3 नवंबर को अचानक सुबह से लापता हो गई थी। शाम के समय मासूम शाम सड़क किनारे मिली थी। बच्ची के परिजनों ने मासूम को थाने पहुंचाया था। यहां सारी लिखित कार्रवाई को अंजाम देने के बाद परिजन बच्ची को लेकर घर चले गए थे। इसके बाद मासूम की मां को बच्ची के साथ कुछ गलत होने का आभास हुआ। इसके बाद थाने पहुंचकर पुलिस को शिकायत दी।
परिजनों ने बच्ची के साथ दुष्कर्म होने का शक जाहिर किया था। मनाली पुलिस ने शिकायत मिलने पर आईपीसी की धारा 363, 376 और पोक्सो एक्ट की धारा 4 के तहत मामला दर्ज किया है। बच्ची को पहले कुल्लू इसके बाद नेरचौक मेडिकल जांच के लिए भेज दिया। लिहाजा, तब से लेकर मासूम का उपचार नेरचौक मेडिकल कॉलेज में चल रहा है।