शिमला, 09 नवंबर : सेब बागवानी के लिए मशहूर शिमला जनपद का रोहड़ू विधानसभा क्षेत्र (Rohru Assembly Constituency) परंपरागत तौर पर कांग्रेस (Congress) का किला रहा है। 50 साल के इतिहास में केवल 1977 में कांग्रेस विरोधी लहर में जेएमसी सत्यदेव विधायक बने। 1977 के चुनाव में कांग्रेस का वोट बैंक मात्र 4.67% पर सिमट गया था, लेकिन इसके बाद कांग्रेस ने हार का मुंह नहीं देखा। 1972 से 2017 तक कांग्रेस ने 11 में से 10 चुनाव में जीत हासिल की।
1977 के बाद कांग्रेस ने लगातार 9 मर्तबा ने जीत हासिल की है। यह विधानसभा क्षेत्र इस कारण भी चर्चा में रहता है, क्योंकि पुनर्सीमांकन से पहले तक हिमाचल की राजनीति के स्तम्भ दिवंगत वीरभद्र सिंह रोहड़ू निर्वाचन क्षेत्र से ही चुनाव लड़ा करते थे। 1990 से 2007 के बीच वीरभद्र सिंह ने लगातार 5 चुनाव जीते थे। पुनर्सीमांकन के बाद जब यह विधानसभा क्षेत्र अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हुआ तो दिवंगत वीरभद्र सिंह ने यहां की बागडोर मोहन लाल ब्राक्टा को सौंप दी।
इस बार मोहन लाल ब्राक्टा हैट्रिक बनाने की फिराक में है। तो भाजपा की शशि बाला इतिहास बनाने के लिए आतुर हैं। हालांकि, मुकाबला कांग्रेस के पक्ष में ही नजर आता रहा है, लेकिन एक अहम बात यह है कि 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी शशि बाला 39.35% वोट लेने में कामयाब हो गई थी। इस चुनाव में कांग्रेस के खिलाफ करीब 41% मतदान हुआ था। इसमें नोटा के 535 वोट भी शामिल थे। चुनाव पर प्रचार के दौरान भाजपा प्रत्याशी शशि बाला उस समय चर्चा में आ गई थी, जब जनसभा में भावुक हो गई थी, यहां तक की आंसू भी बहने लगे थे।
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गौरतलब है कि एक मर्तबा दिवंगत वीरभद्र सिंह ने विधायक मोहन लाल ब्राक्टा को 2014 में शिमला संसदीय सीट पर लोकसभा चुनाव में उतारने का निर्णय भी लिया था। लेकिन यह फैसला गलत साबित हुआ था। क्योंकि शिमला संसदीय सीट पर भाजपा के वीरेंद्र कश्यप ने कांग्रेस प्रत्याशी मोहनलाल को हराने में सफल हो गए थे। सोलन के विधायक कर्नल धनीराम शांडिल का टिकट काटकर मोहन लाल को दिया गया था।
इसके बाद मोहन लाल ने विधानसभा की सियासत ही की। 2012 में वीरभद्र सिंह ने शिमला ग्रामीण से चुनाव लड़ा था, वह बंपर जीत भी हासिल करने में सफल रहे थे। 2017 में विक्रमादित्य सिंह शिमला ग्रामीण से चुनाव जीते।
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खैर, बात रोहड़ू विधानसभा क्षेत्र की हो रही है तो यह तय है कि अगर भाजपा कमल का फूल खिलाने में कामयाब रहती है तो एक इतिहास ही होगा। 2017 के बाद भाजपा ने दोबारा शशि बाला पर ही दांव खेला है। उत्तराखंड की सीमा के नजदीक रोहड़ू विधानसभा क्षेत्र को इस नजरिए से देखा जाता है कि यह सीट कांग्रेस की है। भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने इस सीट को दिवंगत वीरभद्र सिंह की गैर मौजूदगी में गंभीरता से लिया है। चुनाव प्रचार में कोई कोर कसर नहीं रखी है।
देखना यह होगा कि 50 साल से चल रहा कांग्रेस का तिलिस्म बरकरार रहेगा या नहीं। नजरें इस बात पर भी टिकी है कि आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) के प्रत्याशी अश्विनी कुमार मुकाबले को त्रिकोणीय बना पाते हैं या नहीं। 1972 में कांग्रेस के अमर सिंह राठौर ने चुनाव जीता था। वो 45.35% वोट लेने में कामयाब रहे थे। खास बात यह थी कि सत्यदेव बुशहरी भी मैदान में उतरे थे, उन्हें 39.6% वोट प्राप्त हुए थे। बलवीर सिंह धवन ने 44.79 मत प्राप्त किए थे, यानी कि 50 साल पहले जब विधानसभा चुनाव हुए थे तो उस समय मुकाबला काफी रोचक रहा था।
उम्मीदवारों की संपत्ति
रोहड़ू के चुनावी रण में भाजपा ने एक बार फिर महिला को उतारा है। भाजपा प्रत्याशी शशि बाला का परिवार 88 लाख की संपत्ति का मालिक है। इसमें उनकी चल संपत्ति 73 लाख है। शशि बाला के नाम कोई भी अचल संपत्ति नहीं है। उनके पति के नाम 15 लाख की अचल संपत्ति है। चुनावी हलफनामे पर नजर डालें, तो शशि बाला के नाम 51.10 लाख, पति के नाम 17 लाख और बच्चे के नाम 5 लाख की चल संपत्ति है। उनके पास 22 लाख के जेवर और एक स्कोर्पियो गाड़ी है, जिसकी कीमत 16.86 लाख है। 40 वर्षीय शशि बाला की उच्चतम शैक्षणिक योग्यता एमबीए है।
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कांग्रेस के मौजूदा विधायक व प्रत्याशी मोहन ब्राक्टा की संपत्ति अढ़ाई करोड़ है। इसमें उनकी चल संपत्ति एक करोड़ और अचल संपत्ति डेढ करोड है। इसमें 1.35 करोड़ की संपत्ति उन्होंने खुद बनाई है। चुनावी हलफनामे मे उन्होंने अपनी चल संपत्ति 90.89 लाख और पत्नी की चल संपत्ति आठ लाख दिखाई है। इसके अलावा बच्चों के नाम एक लाख से अधिक जमा है। ब्राक्टा के पास दो लग्जरी गाड़ियां हैं। उन्होंने 17.48 लाख का लोन भी लिया है। ये लोन वाहन और घर के निर्माण के लिए लिया गया है। ब्राक्टा ने वर्ष 1993 में हिमाचल विवि से एलएलबी की है।
मुद्दे…
हालांकि सेब बागवानी के वजह से लोगों की आर्थिकी अच्छी है, लेकिन सीमांत इलाका होने की वजह से लॉ एंड ऑर्डर के बात उठती ही है। साथ ही विधानसभा क्षेत्र के सड़कों की हालत हमेशा ही एप्पल सीजन में खासी चर्चा में आ जाती है। कार्टन की दरों में इजाफे को लेकर कांग्रेस ने भाजपा पर निशाना साधा हुआ है। पर्यटन की दृष्टि से भी विधानसभा में अपार संभावना है।
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वोटर्स …
रोहड़ू विधानसभा सीट में कुल 74952 मतदाता है, इसमें पुरुष मतदाता 38,441 हैं, महिला मतदाताओं की संख्या 36,511 है। इसके अलावा 301 सर्विस वोटर भी हैं। यानी कुल वोटर्स की संख्या 75,253 है। महिला व पुरुष मतदाताओं में अंतर ज्यादा नहीं है।