शिमला, 09 नवंबर: हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव में हरेक पहलू से समीक्षा का दौर जारी है, लेकिन एक बात को नजर अंदाज किया जा रहा है कि नोटा (None of the above) भी प्रत्याशियों का खेल बिगाड़ सकता है। इसकी तस्दीक 2017 के विधानसभा चुनाव के नतीजे साफ तौर कर रहे हैं। आंकड़ों के मुताबिक पांच विधानसभा क्षेत्रो में नोटा ने खेल बिगाड़ दिया साथ ही कांग्रेस के दो दिग्गज नेताओं को अभयदान दिया।
किन्नौर विधानसभा क्षेत्र में भाजपा के तेजवंत सिंह नेगी मात्र 120 मतों के अंतर से चुनाव हार गए थे। नेगी को 19,909 वोट पड़े थे, जबकि कांग्रेस के जगत सिंह नेगी ने 20,029 वोट हासिल किए। दिलचस्प यह है कि चुनाव में नोटा को 249 वोट पड़े थे, यानी नोटा के खाते से नेगी 121 वोट ले लेते तो वह विधायक होते।
इसी तरह हमीरपुर की बड़सर विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस के इंद्र दत्त लखनपाल ने मात्र 439 वोटों के अंतर से चुनाव जीत लिया था। 464 मतदाताओं ने नोटा का बटन दबाया था। कांग्रेस को इन दो सीटों पर नोटा का फायदा हुआ, जबकि कसौली विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस को नुकसान का सामना करना पड़ा था। स्वास्थ्य मंत्री राजीव सैजल ने मात्र 442 मतों के अंतर से चुनाव जीता था। कांग्रेस के विनोद सुल्तानपुरी को चुनाव हारना पड़ा था। नोटा को 503 वोट हासिल हुए थे। जीत के अंतर से नोटा की संख्या अधिक थी।
वहीं, डलहौजी विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस 556 वोटों से चुनाव जीती थी, नोटा को 559 वोट डले थे। इसमें से 556 वोट भाजपा प्रत्याशी के खाते में होते तो कांग्रेस की वरिष्ठ नेत्री आशा कुमारी भी चुनाव हार जाती। कांग्रेस नेत्री आशा कुमारी को 24,224 वोट पड़े थे, जबकि भाजपा के प्रत्याशी डीएस ठाकुर ने 23,668 वोट प्राप्त किए थे। हालांकि, सोलन विधानसभा क्षेत्र में नोटा का आंकड़ा 656 था, जबकि जीत का आंकड़ा 671 था। नोटा के 656 मतों के अलावा अगर भाजपा के प्रत्याशी राजेश कश्यप मात्र 5 मतों का इंतजाम कर लेते तो कांग्रेस के एक और वरिष्ठ नेता कर्नल धनीराम शांडिल को भी हार का सामना करना पड़ सकता था।
मतदाताओं को यह कतई भी नहीं भूलना चाहिए कि नोटा के बटन की ताकत भी दिग्गजों को हराने की क्षमता रखती है। हिमाचल में हाल ही के विधानसभा चुनाव में पंचायती राज के चुनाव में बिलासपुर जिला की के एक पंचायत के वार्ड में मतदाताओं ने प्रत्याशियों के बजाय नोटा को अधिक मत दिए थे। हालांकि सबसे अधिक वोट हासिल करने वाले प्रत्याशी को विजय घोषित किया गया था।
मंडी लोकसभा उपचुनाव
मंडीसंसदीय क्षेत्र के मतदाताओं ने भी नोटा के जरिए भाजपा सरकार को हार का स्वाद चखाया था। 2021 के लोकसभा उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी प्रतिभा सिंह को 3,65,650 मत प्राप्त हुए थे, जबकि भाजपा के प्रत्याशी ब्रिगेडियर खुशहाल ठाकुर 3,56,884 वोट पाने में सफल रहे थे। जीत का अंतर 8,766 का था, जबकि नोटा को 12,626 वोट पड़े थे। वैध मतों में से 1.7% वोट नोटा ने हासिल किए। यह परिणाम भी इस बात की तस्दीक करता है कि नोटा का बटन राजनीतिक दलों को सत्ता से एक कदम दूर भी रख सकता है।