मंडी (वी. कुमार): आंगनबाड़ी वर्करज एवं हेल्पर यूनियन ने निर्णय लिया है कि वह 13 जून से अपनी मांगों को लेकर आंदोलन शुरू करेगी। राज्य महासचिव राजकुमारी ने बताया कि सरकार आंगनबाड़ी वर्करज व हेल्पर पर काम का अधिक से अधिक भार डालती जा रही है, मगर मानदेय के नाम पर प्रदेश सरकार की ओर से महज 450 रुपए ही दिए जा रहे हैं, जबकि बाकी मानदेय भारत सरकार की ओर से मिलता है।
उन्होंने कहा कि हिमाचल सरकार सबसे कम मानदेय दे रही है, जबकि हरियाणा व उतराखंड में 4500 रुपए, पंजाब में 2600 रुपए मानदेय केवल वहां की सरकारों की ओर से ही दिया जा रहा है। यूनियन ने प्रदेश सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि एक तरफ तो मंत्री विधायकों के वेतन भत्ते देश में सबसे ज्यादा किए जा रहे हैं, तो दूसरे तरफ आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को सबसे कम मानदेय दिया जा रहा है। मांग की गई है कि हरियाणा की तर्ज पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को कुल मानदेय 7500 रुपए व कार्यकर्ता को 4000 रुपए दिया जाए। इन्हें सरकारी कर्मचारी बनाया जाए व पेंशन ग्रेच्युटी समेत सभी प्रकार की सुविधाएं दी जाएं।
एनआरएचएम के पैसे का भुगतान जल्द से जल्द किया जाए जो कि दो सालों से लटका हुआ है। रिटायरमेंट की उम्र 65 साल की जाए। यह भी चेतावनी दी गई कि यदि मांगों को नहीं माना गया तो 13 जून से राज्य भर में सीटू के बैनर तले आंदोलन शुरू कर दिया जाएगा जिसकी शुरूआत मंडी से होगी। यह आंदोलन 11 जुलाई तक चलेगा व प्रदेश भर में हर जगह पर इसके तहत धरना प्रदर्शन व रैलियों का आयोजन होगा।