नाहन, 15 अक्तूबर : अमूमन जब आप बाजार से सामान लेकर आते हैं तो दुकानदार आपको कैरी बैग (Carry Bag) में सामान डालकर देता है। बैग की कीमत अलग से नहीं वसूली जाती। राज्य में इस समय दो तरह के कैरी बैगस का चलन है। प्लास्टिक कैरी बैग का इस्तेमाल चलता आ रहा है।
इसके अलावा मार्केट में कंपोस्टेबल बायोडिग्रेडेबल बैग (compostable biodegradable bags) भी उपलब्ध हैं। लेकिन दुकानदार प्रतिबंधित प्लास्टिक के बैग को तवज्जो देते हैं, क्योंकि इसकी कीमत बायोडिग्रेडेबल के मुकाबले कम होती है। इस बार दिवाली के मौके पर सिरमौर के औद्योगिक क्षेत्र कालाअंब के तहत कंपोस्टेबल बायोडिग्रेडेबल बैगस का उत्पादन करने वाली औद्योगिक इकाई ने अनूठा प्रयास किया है।
इसके मुताबिक यदि दुकानदार को 210 से 230 रुपए प्रति किलो प्रतिबंधित प्लास्टिक के कैरी बैगस मिलते हैं तो इसी रेट पर कंपोस्टेबल बायोडिग्रेडेबल बैग उपलब्ध करवाए जाएंगे। इसमें ग्लास व चम्मच भी शामिल हैं, ताकि इस बार हिमाचल की दिवाली को खास बनाया जा सके।
अगर ग्राहक भी दुकानदार से प्रतिबंधित प्लास्टिक के कैरी बैग में सामान न ले जाने की जिद करता है तो ग्राहक की भी पर्यावरण संरक्षण में एक आहुति होगी। मौजूदा में कंपोस्टेबल बायोडिग्रेडेबल बैग के उत्पादन के ऐसे भी तरीके ईजाद हो चुके हैं कि इस्तेमाल के बाद ये कैरी बैग गमलों में डालने के बाद खाद में तब्दील हो जाते हैं।
हिमालयन ग्रीन्स (Himalayan Greens) के प्रबंध निदेशक आशुतोष गुप्ता ने कहा कि 2022 की दीवाली को प्रदूषण मुक्त (pollution free Diwali) करने का प्रयास किया गया है। उन्होंने कहा कि कैरी बैग का भी दीवाली के मौके पर काफी इस्तेमाल होता है। एक सवाल के जवाब में आशुतोष गुप्ता ने माना कि प्लास्टिक व बायोडिग्रेडेबल प्रोडक्ट में दाम के अंतर को समाप्त किया गया है।
इको फ्रेंडली उद्योग (Eco friendly industry) के प्रबंध निदेशक ने ये भी कहा कि प्लास्टिक व नाॅन वोवन बैगस की कीमत भी बायोडिग्रेडेबल के बराबर ही है।
गौरतलब है कि बाजार में नाॅन वोवन बैग (non woven bag) का इस्तेमाल किया जाता है, जिसे सामान्य तौर पर कपड़े का बैग समझा जाता है, लेकिन वास्तव में ये भी प्लास्टिक से ही बना होता है। इसे जलाने पर प्लास्टिक नीचे टपकता साफ नजर आता है।
आशुतोष गुप्ता का ये भी कहना हे कि उद्योग से मोबाइल नंबर 97365-20171 या 94180-35001 (What’s app) पर भी संपर्क किया जा सकता है।