शिमला, 12 अक्तूबर : हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव (Himachal Pradesh Assembly Elections) की दहलीज पर कदम रख चुका है। पहाड़ी राज्य में नजरें चुनाव आचार संहिता (Code of conduct) पर टिकी हुई हैं। ये तय माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के 13 अक्तूबर को ऊना व चंबा के दौरे के बाद आचार संहिता लग सकती है।
इसी बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) का भी सिरमौर के सतौन में 15 अक्तूबर को कार्यक्रम तय हुआ है। लिहाजा, चुनाव आचार संहिता के दो-तीन दिन आगे खिसकने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। केंद्रीय मंत्री अमित शाह को सिरमौर के ट्रांसगिरि क्षेत्र के सतौन में आभार रैली में हिस्सा लेना है।
केंद्रीय हाटी समिति द्वारा समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने के लिए इस रैली का आयोजन किया जा रहा है। इसमें करीब 50 हजार की भीड़ जुटाने का लक्ष्य रखा गया है। गौरतलब है कि मौजूदा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हाटी समुदाय को एसटी का दर्जा देेने का आश्वासन सार्वजनिक मंच से किया था।
यदि, अगले 72 घंटे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गुजरात (Gujarat) दौरा भी तय होता है तो भी चुनाव आचार संहिता आगे खिसक सकती है। हालांकि, पहले 10 अक्तूबर के आसपास चुनाव आचार संहिता लागू होने की प्रबल संभावना जताई जा रही थी, लेकिन ये आगे खिसकी।
दिलचस्प बात ये भी है कि अगर प्रधानमंत्री व केंद्रीय गृहमंत्री की रैलियों को लेकर चुनाव आचार संहिता में देरी होती है तो इसका फायदा कांग्रेस (Congress) को भी मिलेगा, क्योंकि 14 अक्तूबर को कांग्रेस ने सोलन में प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) की रैली आयोजित करनी है।
दरअसल, केंद्रीय चुनाव आयोग द्वारा हिमाचल व गुजरात के विधानसभा चुनावों का ऐलान एक साथ किया जाना है, इसी कारण प्रधानमंत्री का गुजरात दौरा भी हिमाचल के नजरिये से अहम हो जाता है।
- Apply Now हिमाचल की सबसे बड़ी प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता www.mbmquiz.com
11 अक्तूबर को जयराम सरकार ने मंत्रिमंडल की बैठक में कई निर्णय लिए। ये भी संभावना है कि अगर चुनाव आचार संहिता में कुछ और दिन देरी हुई तो राज्य सरकार (State Government) एक या दो मंत्रिमंडल की बैठकों को अहम निर्णयों के लिए कर सकती है।
2017 में प्रदेश विधानसभा चुनाव की घोषणा 13 अक्तूबर को हुई थी। 9 नवंबर 2017 को मतदान हुआ था। मतों की गिनती 18 दिसंबर को हुई थी।
हालांकि, केंद्रीय गृह मंत्री की रैली चुनाव आचार संहिता के दौरान भी हो सकती है, लेकिन आचार संहिता लागू होने के कारण भाजपा को अतिरिक्त जिम्मेदारी निभानी पड़ सकती है, साथ ही रैली का खर्चा भी चुनावी खर्च में जुड़ेगा।
जयराम सरकार हर हाल में हाटी को अनुसूचित जनजाति दर्जे के मुददे को भुनाना चाहती है, क्योंकि इसका असर सिरमौर के चार विधानसभा क्षेत्रों में सीधा ही पड़ सकता है। शिलाई व रेणुका जी के अलावा पांवटा साहिब व पच्छाद हलकों में भी मतदाताओं को रिझाना है।
उधर, देर शाम सामने आई जानकारी के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 16 अक्तूबर को धर्मशाला का कार्यक्रम भी तय हो रहा है, लिहाजा चुनाव आचार संहिता 17 तक टल सकती है।
कुल मिलाकर ये तय है कि एक सप्ताह के भीतर प्रदेश में कभी भी चुनाव आचार संहिता लागू हो सकती है। चुनाव में देरी से भी दिक्कतें बढ़ सकती हैं। यदि नवंबर में मतदान में देरी होती है तो ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी के कारण आयोग की परेशानियां बढ़ सकती हैं।