शिमला, 12 अक्तूबर : प्रख्यात अंक ज्योतिष एवं वशिष्ठ ज्योतिष सदन के अध्यक्ष पंडित शशिपाल डोगरा ने कहा कि करवा चौथ के दौरान लाल रंग शुभ माना जाता है, वहीं विवाहित महिलाओं को अपने कपड़ों के लिए काले या सफेद रंगों से बचना चाहिए। इस विशेष अवसर पर जो अन्य रंग पहन सकते हैं वे हैं पीले, हरे, गुलाबी और नारंगी, अन्य रंगों से बचने की सलाह दी जाती है।
करवा चौथ शुभ मुहूर्त और योग, चांद निकलने का समय
पंडित डोगरा ने बताया कि इस साल चतुर्थी तिथि 12 अक्टूबर बुधवार की रात 01 :59 पर शुरू हो रहा है और 13 अक्टूबर की रात्रि 03: 08 पर समाप्त हो रही है। इसलिए उदयातिथि 13 अक्टूबर को है। इसलिए करवा चौथ का व्रत 13 अक्टूबर 2022 गुरुवार को ही रखा जाएगा।
करवा चौथ पूजा मुहूर्त शाम 06 :17 से 07: 31 तक, कुल अवधि – 01 घण्टा 13 मिनट है। करवा चौथ व्रत का समय सुबह 06 :32 से रात 08 :48 तक है। करवा चौथ चंद्रोदय का समय शिमला में 08:03 शाम को होगा। चतुर्थी तिथि प्रारम्भ में 12 अक्टूबर, 2022 की रात्रि 01 :59 से शुरू होंगी। चतुर्थी तिथि समाप्त 13 अक्टूबर 2022 की रात्रि 03 : 08 पर समाप्त होंगी। ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 04: 54 से सुबह 05 :43 तक होगा। अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 12 :01 से लेकर 12 : 48 तक होगा। अमृत काल: शाम 04 : 08 से 05 : 50 तक होगा।
करवा चौथ पूजा विधि
करवा चौथ का व्रत रख रहीं हैं तो इस दिन सबसे पहले सुबह सूर्योदय से पहले स्नान करके स्वच्छ कपड़े पहनें। पूजा घर को साफ कर लें। सास द्वारा दी गई सरगी सुबह सूर्योदय से पहले ग्रहण कर लें। भगवान की पूजा करके निर्जला व्रत का संकल्प लें। व्रत का पारण रात में चंद्रमा के दर्शन करके, अर्घ्य देकर ही करें।
पूजा के लिए 10 से 13 करवे रखें। एक थाली में पूजन सामग्री धूप, दीप, चंदन, रोली, सिन्दूर आदि रखें। चन्द्र उदय से पहले पूजा कर लें। पूजा के दौरान करवा चौथ कथा जरूर सुनें। पूजा के बाद छलनी से चन्द्र दर्शन करें। अर्घ्य देकर चन्द्रमा की पूजा करें। अब अपनी सास का या घर में किसी बड़े का आशीर्वाद लें। पति के हाथों से पानी पी कर व्रत का पारण करें।
पंडित डोगरा ने कहा कि 1 अक्टूबर 2022 से 25 नवंबर 2022 तक शुक्र अस्त रहेगा। मुहूर्त चिंतामणि में कहा है कि शुक्र अस्त होने पर मांगलिक कामों की शुरुआत नहीं की जाती। न ही नया संकल्प लिया जाता है। परन्तु जिनका विवाह हो गया है, उनका व्रत का संकल्प विवाह के वक्त ही पति की दीर्घायु के लिए व्रत करने का हो जाता है। इसलिए व्रत किया जा सकता है। क्योंकि हर पत्नी चाहती है उसे अखण्ड सौभाग्य की प्राप्ति हो। इस लिए व्रत अवश्य करे इस मे कोई संशय न करें। गर्भवती महिलाएं पूजा करने के बाद अल्पाहार ले सकती हैं।