शिमला, 11 अक्तूबर : प्रदेश कांग्रेस (Congress) हालांकि इन विधानसभा चुनावों (Assembly Election) में युवा व महिलाओं को टिकट देने की दुहाई दे रही है। मगर धरातल पर स्थित इसके उलट है। जिन आवेदन वाली 29 सीटों पर अभी तक आम सहमति नहीं बन पाई है। उनमें सबसे अधिक युवा व महिला टिकटार्थी टिकट की मांग कर रहे है। अभी तक 20 मौजूदा विधायकों सहित 39 उम्मीदवारों को ही मंजूरी मिली थी।
पेंडिंग (Pending) में फंसी सीटों पर युवा कांग्रेस के टिकट शामिल है। इनमें सरकाघाट से यदुपति ठाकुर, भरमौर से सुरजीत भरमौरी, किन्नौर से निगम भंडारी, शाहपुर से पंकज कुमार व झंडूता से विवेक शामिल है। पार्टी राजनीतिक मंचों पर युवाओं को इस दफा ज्यादा सीटें देने का दावा कर रही है। मगर अभी तक ये पांचों युवा टिकट के लिए जद्दोजहद कर रहें हैं। कांग्रेस अपने पुराने कल्चर (Old Culture) से बाहर नहीं आ पा रही है।
खानदानी व पुराने नेताओं से कांग्रेस पीछा नहीं छुड़ा पा रही है। महिलाओं में भी कमोवेश यही स्थिति है। आशा कुमारी को छोड़ दें तो अभी तक किसी भी महिला का टिकट कांग्रेस ढंग से कन्फर्म नहीं कर पा रही है। धर्मशाला में पूर्व सांसद व मंत्री रही चंद्रेश कुमारी की बहु धर्मशाला से टिकट की दावेदार है। हमीरपुर से अनीता वर्मा का टिकट भी अभी तक फाइनल नहीं हो पा रहा है।
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अगर कांग्रेस का यही हाल रहा तो युवाओं और महिला वोटरों में इसका गलत संदेश जाएगा। स्क्रीनिंग कमेटी (Screening Committee) की चेयरपर्सन दीपा दास मुंशी हालांकि प्रतिभा सिंह (Pratibha Singh) को सिराज से मुख्यमंत्री के खिलाफ उतारने का प्रपोजल (Proposal) दे रही है। दयाल प्यारी का टिकट भी अभी फंसा हुआ है।
ये सभी टिकट प्रतिभा सिंह व सुखविंदर सिंह सुखु की आपसी खींचतान के परिणाम स्वरूप लटके है। दोनों अपने-अपने समर्थकों को टिकट दिलवाने के लिए पुरजोर लगा रहे है। टिकट आवंटन में देरी व युवाओं की अवहेलना करना पार्टी को चुनावों में भारी पड़ेगा।