नाहन, 10 अक्तूबर : वो…पहले खून करता है, इसके बाद उपन्यास लिखकर ख्याति भी पाता है, साथ ही अमीर भी हो जाता है। ‘सन् 2025’ की परिकल्पना करते हुए जाने माने अभिनेता व लेखक पीयूष मिश्रा ने नाटक लिख डाला। इसका स्टैपको सोसायटी द्वारा नाहन के जिला परिषद भवन में बखूबी मंचन किया गया।
बता दें कि स्टैपको संस्था द्वारा स्व. कंवर शूरवीर सिंह स्मृति राष्ट्रीय नाट्य महोत्सव का आयोजन जिला परिषद भवन में किया जा रहा है। नाटक में ये भी सामने आया कि विख्यात लेखक द्वारा 22 खून किए गए होते हैं। 23वां व 24वां खून नाटक के मंचन के दौरान प्रदर्शित होता है।
नाटक की कहानी मशहूर लेखक व उपन्यासकार धीरज ब्रह्मात्मे व पेशे से अकाउटेंट गड़गड़ सूफी नाम के व्यक्ति पर केंद्रित है। ‘सन् 2025’ नाटक में मशहूर लेखक धीरज ब्रह्मात्मे की अपने ही घर पर गड़गड़ सूफी नाम के व्यक्ति से मुलाकात होती है, वो पेशे से अकाउटेंट होता है।
सूफी कई सालों से धीरज ब्रह्मात्मे के उपन्यासों के प्लाॅट की असलियत जानने के लिए उसकी जासूसी भी कर चुका होता है। वो ये जान चुका होता है कि पहले ब्रह्मात्मे द्वारा मर्डर किया जाता है, फिर इसे उपन्यास के लिए प्लाॅट किया जाता है। सूफी उपन्यासकार के घर उसे ब्लैकमेल करने के मकसद से मिलता है। इस पर धीरज ब्रह्मात्मे बोलता है कि कोई नई बात बताओ, क्योंकि तुम्हारे जैसे कई लोग यही बात बताने पहले भी आ चुके हैं।
धीरज ब्रह्मात्मे बोलता है कि तुम मेरे अब अगले उपन्यास का प्लाॅट हो। सूफी की हत्या करने से पहले धीरज उससे पूछ चुका होता है कि तुम्हें मेरे घर में घुसने की अनुमति किसने दी। इस पर वो नौकर जमील का नाम लेता है। धीरज पहले सूफी की हत्या करता है, इसके बाद नौकर को भी मौत के घाट उतार देता है।
सूफी ही उपन्यासकार की अगली कहानी का प्लाॅट बन जाता है…पर्दा गिरता है।
नाटक में अक्षय शर्मा ने ब्रह्मात्मे व क्षितिज मिश्रा ने गड़गड़ सूफी के किरदारों में दर्शकों को बांधे रखा।
नाटक में दर्शकों ने सस्पेंस का खूब आनंद लिया। हर कोई यही जानना चाहता था कि जासूसी करने वाला ब्लैकमेलिंग में कामयाब होगा या नहीं। नाटक मंचन के दौरान रामपाल मलिक बतौर मुख्य अतिथि मौजूद रहे। विशिष्ट मेहमान के तौर पर नंद किशोर, डाॅ. मनोज कुमार, राकेश शर्मा, कंवर सिंह नेगी, जोहेब युसुफजेई, दीपक परमार, जुबेर अहमद को रंगमंच सम्मान से नवाजा गया।