शिमला, 05 अक्तूबर : सिरमौर के गिरिपार क्षेत्र के “हाटी समुदाय” को जनजातीय दर्जा देने का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। जहां एक और केंद्रीय हाटी समिति ने गिरिपार में सरकार का समर्थन का ऐलान किया है। वहीं जनजातीय दर्जे से अनुसूचित जाति के अधिकारों के हनन की बात कर रही गिरिपार अनुसूचित जाति संरक्षण समिति ने भी 500 किलोमीटर ” सामाजिक न्याय यात्रा ” निकालने का ऐलान किया है। हाटी समिति गिरिपार ने कुछ दिनों पहले गिरिपार के 400 गांव में पहुंचकर सरकार का कर्ज उतारने की बात कही थी।
गिरिपार अनुसूचित जाति संरक्षण समिति ने बुधवार को कहा कि लाखों लोग चुनाव में कांग्रेस-भाजपा का बहिष्कार भी कर सकते है। गिरिपार अनुसूचित जाति संरक्षण समिति के अध्यक्ष अधिवक्ता अनिल मंगेट ने कहा कि हम प्रेस के माध्यम से गिरिपार के 154 पंचायत के आम लोगों को सूचित करते हुए, एक सन्देश देना चाहते है कि मान्यवर साहब कांशी राम की पुण्यतिथि है। उस दिन से जो लोग अपने हक व अधिकारों बचाने के लिए सड़कों पर उतरे थे और लाखों लोगों ने समिति से जो एक उम्मीद जताई थी, उस उम्मीद को भी हमने लगभग पूरा करने की कोशिश की है। समिति के माध्यम से जो लोग सड़कों पर उतरे थे, उनका धन्यवाद करने हर पंचायत के लोगों को यात्रा के माध्यम से जागरूक भी किया जाएगा। उन्हें अपने हक व अधिकारों की सुरक्षा आने वाले समय मे भविष्य में किस तरह से सुनिश्चित की जाएगी।
उंन्होने कहा कि केंद्रीय कैबिनेट ने जो निर्णय लिया था, उसकी नोटिफिकेशन को अभी तक लोगों के सामने नही रखा है। जिस कारण लोगों के मन में कई तरह की शंकाएं बनी हुई है। उनके साथ कुछ ना कुछ गलत हुआ है। अनुसूचित जाति के लोगों को उनके हक व अधिकारों के हनन होने की आशंका है।
उधर चुनाव के बहिष्कार पर के प्रश्न पर उन्होंने कहा कि बहिष्कार करने का निर्णय अभी समिति ने नही लिया है। इसके लिए आम लोगों के बीच जाकर उनके राय ली जाएगी।