ऊना, 30 सितंबर : नेपाल में आयोजित हुई माउंट एवरेस्ट अंतरराष्ट्रीय ओपन ताइक्वांडो प्रतियोगिता (taekwondo competition) में भारत का झंडा फहराकर ऊना की लारनया शर्मा स्वदेश लौट आई है। शुक्रवार को स्कूल पहुंचने पर एमडी विनोद आनंद की अध्यक्षता में लारनया शर्मा का गर्मजोशी से स्वागत किया गया है। अंतरराष्ट्रीय ओपन ताइक्वांडो प्रतियोगिता में लारना शर्मा ने कांस्य पदक जीता है, जिसका श्रेय लारनया ने अपने कोच, माता-पिता व स्कूल स्टाफ को दिया है।
कहते हैं अगर कोई इंसान मजबूत इरादे से किसी काम को करें, तो दुनिया की कोई ताकत उसे रोक नहीं सकती। बड़ी से बड़ी परेशानियां इंसान के जज्बे के आगे बौनी साबित होती है। आज हम बात कर रहे हैं ऐसे शख्स की जिसे कुदरत ने हराने की कोशिश की, लेकिन उसने हार न मानी और आज सफलता की बुलंदियों को छू रही है।
ऊना जिला के रॉकफोर्ड सीनियर सकेंडरी स्कूल में बाहरवीं कक्षा में पढऩे वाली लारनया शर्मा, जिसको बचपन में ही अस्थमा बीमारी (asthma disease) ने घेर लिया था। डॉक्टरों ने खेल को ही एक ऐसा मार्ग बताया कि जिससे लारनया स्वस्थ्य हो सकती थी। बचपन से ही लारनया ने ताइक्वांडो खेल को चुना और अपने नाम नई-नई उपलब्ध्यिां जोड़ी।
लारनया ने न केवल अपने नाम कई उपलब्धियां जोड़ी, बल्कि बीमारी को भी हराया। रॉकफोर्ड स्कूल की छात्रा लारनया नेपाल में आयोजित हुई माउंट एवरेस्ट अंतरराष्ट्रीय ओपन ताइक्वांडो प्रतियोगिता में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए जूनियर-52 वर्ग के मुकाबले में कांस्य पदक (bronze medal) जीत कर देश का नाम रोशन किया है।
मूलत: भटोली की रहने वाली लारनया शर्मा के पिता सुधीर कुमार पीएनबी पूबोवाल में ब्रांच हेड है, जबकि माता मीनू गृहणी है। माता मीनू ने अपनी बेटी के सपने को पूरे करने के लिए फैशन डिजाइनर (fashion designer) की नौकरी तक छोड़ दी। मां के त्याग को बेटी ने व्यर्थ नहीं जाने दिया और अंतरराष्ट्रीय मुकाबले में कांस्य पदक जीता।
लारनया शर्मा ने आमजन से अनुरोध किया है बेटियों को आगे बढ़ने का मौका दिया जाए, ताकि माता-पिता व देश का नाम रोशन करने का अवसर मिल सके। उन्होंने कहा कि आज वो जिस उपलब्धि पर पहुंची है, उसके लिए माता-पिता का बहुत सहयोग रहा।