धर्मशाला, 25 सितंबर : हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति अमजद ए. सैयद ने कहा है कि आपसी सहमति और मध्यस्थता से अधिकतर मामलों का निपटारा संभव हो सकता है। न्यायालयों में मुकदमों की संख्या जहां कम होगी, वहीं लोगों को सुलभ और समय पर न्याय मिलना सुनिश्चित हो सकेगा।
यह विचार उन्होंने रविवार को स्थानीय पुलिस मैदान में राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली तथा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में आयोजित विधिक सेवा महा शिविर की अध्यक्षता करते हुए व्यक्त किए। इस दौरान कार्यक्रम में प्रदेश उच्च न्यायालय की न्यायाधीश न्यायमूर्ति सबीना, न्यायाधीश न्यायमूर्ति विवेक ठाकुर, राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव अशोक जैन, राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव प्रेम पाल रांटा विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।
मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति अमजद ए. सैयद ने कहा कि समाज के सभी वर्गो में शांति और भाईचारा स्थापित करना कानून का अंतिम लक्ष्य है, और न्याय प्राप्त करना प्रत्येक नागरिक का मौलिक अधिकार है। उन्होंने बताया कि ऐसे शिविरों का मूल उद्देश्य लोगों में न्याय के बारे में साक्षरता व जागरूकता पैदा करना है। इसके अतिरिक्त लोगों को सामान्य संवाद से कानून के विभिन्न पहलुओं के बारे में जागरूक कर सुलह व समझौतों द्वारा फैसला करने के लिए प्रेरित करना हैं।
चीफ जस्टिस न्यायमूर्ति अमजद ए. सैयद ने बताया कि नालसा के द्वारा गत अगस्त माह में देश में आयोजित की गई लोक अदालतों के माध्यम से आपसी सहमति से एक करोड़ मामलों का निपटारा सुनिश्चित किया गया था। हिमाचल प्रदेश में प्राप्त हुए 48 हजार मामलों में से 24 हजार मामलों का निपटारा कर 69 करोड़ रुपये की तय राशि का भुगतान किया गया था। उन्होंने कहा कि पीड़ित को सुल भता और समय पर न्याय मिल सके, इसके लिए पूर्ण प्रयास होने चाहिए। उन्होंने कहा कि जहां संविधान के तहत प्रत्येक नागरिक को न्याय पाने का अधिकार है।
वहीं, इसके लिए हर नागरिक को अपने मौलिक एवं कानूनी अधिकारों के साथ-साथ अपने दायित्व के सम्बन्ध में संपूर्ण जानकारी होना भी आवश्यक है। उन्होंने कहा कि केन्द्र तथा प्रदेश सरकार समाज के पिछड़े, वंचित तथा गरीब वर्ग के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं शुरू की गई हैं। जिनका लाभ पात्र लोगों तक पहुंचाने में प्रशासन के साथ-साथ पंचायत प्रतिनिधियों, आंगनवाड़ी तथा आशा वर्कर सहित समाज के अन्य वर्गों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। उन्होंने सभी लोगों से समाज के गरीब लोगों की भलाई के लिए कार्य करने का आह्वान किया।
प्रदेश उच्च न्यायालय की न्यायाधीश न्यायमूर्ति सबीना ने विचार व्यक्त करते हुए बताया कि पैरा लीगल वालंटियर्स के माध्यम से हर घर तक विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यों के बारे में जानकारी पहुंचाने के साथ कानूनी सहायता प्रदान करने के लिए पात्र लोगों की पहचान हेतु विशेष अभियान शुरू किया गया है। इसके तहत अब तक 39231 लोगों से सम्पर्क कर 1500 से अधिक लोगों की कानूनी सहायता के लिए पहचान की गई है। उन्होंने बताया कि राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण प्रदेश के दूरस्थ व जनजातीय जिलों में भी अपनी सेवाओं के माध्यम से लोगों तक जानकारी पहुंचाने के साथ विधिक सेवा शिविरों का आयोजन सुनिश्चित बना रहा है।
प्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति विवेक ठाकुर ने भी विभिन्न कानूनी पहलुओं पर प्रकाश ड़ाला। उन्होंने बताया कि विधिक सेवा शिविरों से समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को निःशुल्क न्याय प्राप्त करने की सुविधा प्रदान की जा रही है। कहा कि लोक अदालतों के माध्यम से करोड़ों मामलों का निपटारा सुनिश्चित हुआ है। उन्होंने समाज के सभी वर्गों से निचले स्तर पर आपसी सहमति से मामलों के निपटारे करने की दिशा में विशेष पहल करने का आह्वान किया, जिससे कम से कम मामलें न्यायालयों में प्रस्तुत हो।
राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव अशोक जैन ने भी विभिन्न कानूनी जानकारियां प्रदान कीं। उन्होंने बताया कि भारत विश्व का सबसे बड़ा विधिक सेवा नेटवर्क संचालित करता है। जिसके माध्यम से लोगों को सुलभ व समय पर न्याय दिलवाने के साथ उनकी कानूनी रूप से मदद की जा रही है।
उन्होंने बताया कि देश के 365 जिलों में पूर्णकालिक लीगल एड डिफेंस काउंसिल की नियुक्ति की जा रही है। हिमाचल प्रदेश के 6 जिलों को इसमें शामिल किया गया है, जिसमें से कांगड़ा जिला भी शामिल है। इस अवसर पर मुख्य अतिथि द्वारा प्रदेश सरकार की विभिन्न योजनाओं के 10 लाभार्थियों को लाभ प्रदान किए गए। जिला एवं सत्र न्यायाधीश, कांगड़ा अजय मेहता ने मुख्य अतिथि तथा सभी अतिथियों का धन्यवाद किया।
इस मौके पर प्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति सुशील कुकरेजा, न्यायमूर्ति वीरेंद्र सिंह, न्यायमूर्ति सत्येन वैद्य, सॉलिसिटर जनरल बलराम शर्मा, रजिस्ट्रार जनरल अरविन्द मल्होत्रा, एडवोकेट जनरल अशोक शर्मा, जिला एवं सत्र न्यायाधीश अजय मेहता, उच्च न्यायालय बार कौंसिल के अध्यक्ष अजय कोचड़, बार एसोसिएशन के अध्यक्ष लवनीश शर्मा, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सदस्य सचिव विजय लक्ष्मी, उपायुक्त डॉ. निपुण जिंदल, जिला प्रशासन तथा पुलिस प्रशासन के अधिकारी, अधिवक्ता, पंचायत प्रतिनिधि, आंगनवाड़ी तथा आशा वर्कर, विभिन्न योजनाओं के लाभार्थी तथा अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे।