मंडी, 24 सितंबर : बेशक पीएम नरेंद्र मोदी की मंडी में आयोजित “युवा विजय संकल्प” रैली बारिश की भेंट चढ़ गई है, लेकिन प्रदेश में होने जा रहे विधानसभा चुनावों को लेकर मंडी में भाजपा ने राजनीतिक भूचाल खड़ा कर दिया है। सदर से भाजपा विधायक अनिल शर्मा ने फिर घर वापसी करते हुए चुनावी अटकलों को विराम दे दिया है। इसके साथ अनिल शर्मा ने बेटे एवं प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव आश्रय शर्मा की भी भाजपा में शामिल होने के संकेत दे दिए हैं।
भाजपा अध्यक्ष सुरेश कश्यप, मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और विधायक अनिल शर्मा ने शनिवार को मंडी में संयुक्त प्रेस वार्ता को संबोधित किया। विधायक एवं पूर्व मंत्री अनिल शर्मा ने कहा कि लंबे समय से चली आ रही दूरियां समाप्त हो गई है। विधानसभा क्षेत्र और हिमाचल के विकास को लेकर एकजुट होकर साथ चलेंगे। उन्होंने कहा कि परिवार में मनमुटाव चलता रहता है, इस मनमुटाव को बैठकर समाप्त कर दिया गया है। पूरा परिवार एक ही तरफ चलेगा और यह निर्णय भारतीय जनता पार्टी, मुख्यमंत्री तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ताकत देगा।
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सुरेश कश्यप ने कहा कि विधायक अनिल शर्मा भारतीय जनता पार्टी के विधायक हैं, भाजपा युवा मोर्चा की युवा विजय संकल्प रैली में भी मौजूद थे। उन्होंने कहा कि अनिल शर्मा परिवार सहित लगातार भारतीय जनता पार्टी के साथ हैं। सुरेश कश्यप ने कहा कि अब किसी भी प्रकार के किंतु और परंतु की गुंजाइश नहीं है। मिलकर विधानसभा चुनावों में उतरेंगे। दीगर है कि हिमाचल की राजनीति में लंबे अरसे तक सक्रिय रहे दिवंगत पंडित सुखराम के बेटे अनिल शर्मा को मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था क्योंकि बेटे आश्रय शर्मा ने कांग्रेस में शामिल हो गए थे। आश्रय में कांग्रेस के सीनियर लीडर कौल सिंह के द्रंग विधानसभा से टिकट का आवेदन भी किया था।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि राजनीतिक परिदृश्य में परिस्थितियों के कारण रास्ते अलग हो जाते हैं, लेकिन अलग हुए रास्ते फिर जुड़ भी जाते हैं। उन्होंने कहा कि अनिल शर्मा ने अपने पिता का सम्मान करते हुए दूर रहे। लेकिन अब अनिल शर्मा ने एकजुट होकर साथ चलने का निर्णय लिया है। जयराम ठाकुर ने कहा कि अनिल शर्मा भारतीय जनता पार्टी के विधायक हैं और भविष्य में भी पार्टी के साथ मिलकर कार्य करेंगे।
बता दें कि आश्रय शर्मा ने शिमला ( ग्रामीण) के विधायक और पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह पर अनदेखी के गंभीर आरोप लगाए थे।