शिमला, 22 सितंबर : कांगड़ा जिला हिमाचल की सियासत में एक अलग मुकाम रखता है। इसे प्रदेश की सत्ता का निर्णायक रणक्षेत्र भी कहा जाता है। कांगड़ा ने प्रदेश को कई संघर्षशील व दिग्गज नेता दिए है। इनमे से एक नाम डॉ राजन सुशांत का भी है। इस जिले की फतेहपुर सीट इस बार हॉट सीट रहने वाली है। आम आदमी पार्टी ने यहां से डॉ राजन सुशांत को टिकट दिया है। संघर्षशील होने के साथ- साथ अपनी विद्रोही छवि के लिए मशहूर डॉ राजन सुशांत को भाजपा ने एक बार हाशिए पर धकेल दिया था।
डॉ राजन सुशांत जवाली विधानसभा से वर्ष 1982 में पहली बार भाजपा की टिकट से विधायक बने। फिर 1985, 1998 व 2007 में भाजपा के टिकट पर विधायक रहे। इस बीच डॉ राजन सुशांत मंत्री भी बने। उन्होंने राजस्व व आयुर्वेद जैसे महकमें भी संभाले। डी-लिमिटेशन के बाद फतेहपुर विधानसभा से भाग्य आजमाना पड़ा। इससे पहले फतेहपुर विधानसभा क्षेत्र का कुछ हिस्सा ज्वाली के नाम से जाना जाता था। यहां हमेशा डॉ राजन सुशांत की टक्कर स्वर्गीय सुजान सिंह पठानिया से रही। पठानिया 1977 में पहली बार जनता पार्टी के टिकट पर विधायक बने। बाद में कांग्रेस में शामिल हो गए। लेकिन उन्हें चुनौती देने के लिए पौंग डैम संघर्ष समिति के अध्यक्ष बनकर डॉ राजन सुशांत ने राजनीति में कदम रखा।
शांता कुमार को यहां पठानिया के खिलाफ एक मजबूत उम्मीदवार की तलाश थी। 1982 में डॉ राजन सुशांत ने भाजपा की टिकट पर पहली बार विधानसभा की दहलीज पार की। डॉ राजन सुशांत व सुजान सिंह पठानिया के मध्य सीधी जंग होती रही। पठानिया भी प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे। 2021 में पठानिया के निधन के बाद उनके पुत्र भवानी सिंह पठानिया को कांग्रेस पार्टी ने यहां से चुनावी मैदान में उतारा।
डॉ राजन सुशांत ने यहां से निर्दलीय रूप में चुनाव लड़ा। भाजपा ने यहां से बलदेव ठाकुर को टिकट दिया। कांग्रेस के भवानी सिंह पठानिया यहां से विजयी हुए। उन्हें 24,449 मत पड़े। भाजपा के बलदेव ठाकुर को 18660 वोट हांसिल हुए। जबकि डॉ राजन सुशांत 12927 मत प्राप्त कर तीसरे स्थान पर रहे। इस बार उन्हें आम आदमी पार्टी ने अपना चेहरा बनाया है। वहीं कांग्रेस से भवानी सिंह पठानिया उम्मीदवार हो सकते है।
भाजपा में बलदेव ठाकुर को टिकट के मामले में कई चुनौतियों का सामना करना पद रहा है। पूर्व राज्यसभा सांसद कृपाल परमार भी यहां से टिकट के दावेदार है। कुल मिलकर सुशांत को आम आदमी पार्टी की टिकट ने यहाँ मुकाबला त्रिकोणीय बना दिया है।