नाहन, 21 सितंबर : गिरिपार क्षेत्र के हाटी समुदाय को जनजातीय दर्जा देने के खिलाफ बुधवार को कालाअंब में गुर्जर समाज सड़कों पर उतर आया। इस दौरान जमकर केंद्र व राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी की गई। साथ ही स्थानीय विधायक डाॅ. राजीव बिंदल के खिलाफ जमकर नारेबाजी हुई।
प्रदर्शन के बाद गुर्जर समाज के प्रतिनिधिमंडल ने अतिरिक्त उपायुक्त के माध्यम से राष्ट्रपति को तीन पन्नों का ज्ञापन प्रेषित किया। इसमें राष्ट्रपति से केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में लिए गए फैसले पर मुहर न लगाने की अपील की गई।
अब गुर्जर समाज कल्याण परिषद के बैनर तले आयोजित प्रदर्शन में युवाओं ने भी जमकर हिस्सा लिया। ज्ञापन में कहा गया कि समाज हाटी को जनजातीय का दर्जा देने के खिलाफ है। इसके पीछे तर्क दिया गया कि 1950 में एसटी का साढ़े 7 प्रतिशत आरक्षण था। बाद में इस श्रेणी में तीन व चार के पदों में 5 प्रतिशत आरक्षण दिया जा रहा है।
परिषद ने ये भी कहा कि योजना आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक हिमाचल प्रदेश में एसटी की लाभान्वित आबादी 4 लाख के करीब है। इसमें अब पूरे हिमाचल के बराबर हाटी की आबादी को भी जोड़ दिया गया है। ज्ञापन में कहा गया कि गुर्जर समुदाय के परंपरागत पेशे, अधिकार, रहन-सहन व संस्कृति पर भी असर पड़ेगा।
स्वर्ण जातियों को अनुसूचित जनजाति में लाकर एससी व एसटी के अधिकारों का हनन होगा। गुर्जर समाज घुमंतु, खानाबदोश हैं। गौरतलब है कि गुर्जर समाज की महारैली गुगामाड़ी मंदिर से जोहड़ों तक आयोजित की गई। गुर्जर समाज कल्याण परिषद के अध्यक्ष हंसराज गुर्जर ने कहा कि समाज के हितों से छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं की जा सकती।
इस मौके पर प्रदेश गुर्जर समाज अध्यक्ष हेमराज राव ने कहा कि हम हाटी समाज की मांग का विरोध नहीं करते, बल्कि सरकार ने दोहरा चरित्र दिखाकर हमारी थाली की रोटी को छीनकर दूसरे को परोस दी है।
उन्होंने कहा कि गिरिपार के दो लाख से अधिक लोगों को हाटी का दर्जा देकर गुर्जर समाज को हाशिए पर कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि ट्रांसगिरि का क्षेत्र संपन्न है, जबकि गुर्जर समाज भेड-बकरियों व गाय को पाल कर घुमंतु जीवन व्यतीत करता है।
उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि या तो उनका कोटा अलग किया जाए, या फिर हाटी वर्ग से एसटी का दर्जा वापस लेकर उन्हें विशेष पिछड़ा वर्ग में शामिल किया जाए। बर्मापापड़ी पंचायत के प्रधान शेर सिंह ने कहा कि जयराम जी, आपकी कुर्सी का एक पाया व एक टांग अब उखड़ गई है।
उन्होंने आरोप लगाया कि केवल राजनीतिक लाभ लेने के लिए केंद्र सरकार ने ये कदम उठाया है। खास बात ये रही कि गुर्जर समाज के सम्मेलन में महिलाओं ने भी बढ़-चढ़कर भागीदारी दिखाई।
हिमाचल के अलग-अलग हिस्सों के नेताओं के अलावा दिल्ली से भी वक्ता पहुंचे थे। कालाअंब की ग्राम पंचायत प्रधान रेखा देवी, उप प्रधान पालियों बलबीर व सिरमौर गुर्जर महिला मोर्चा की रितु चौधरी भी मौजूद थी।