शिमला, 15 सितम्बर : सोलन के परमाणु से लेकर शिमला के पन्दराणु तक सेब मंडियों का जाल पूर्व बागवानी मंत्री स्वर्गीय नरेन्द्र बरागटा की देन रही है। उनकी बदौलत शिमला जिला का किसान तथा बागवान अपनी उपज को घर द्वार पर बेच रहा है। शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने वीरवार को स्वर्गीय नरेन्द्र बरागटा की जयंती के उपलक्ष्य पर अटल विश्राम स्थल कोटखाई में आयोजित कार्यक्रम में यह बात कही।
उन्होंने कहा कि स्वर्गीय नरेन्द्र बरागटा ने किसानों और बागवानों के दर्द को समझ कर उनकी समस्याओं का निदान किया। रूट स्टॉक, मण्डियों का जाल, एंटी हेलनेट तथा बागवानी के क्षेत्र में नई-नई तकनीक स्वर्गीय नरेन्द्र बरागटा की ही देन है, जिसकी बदौलत सेब की बागवानी का राज्य की आर्थिकी में 5 हजार करोड़ से ज्यादा का योगदान है।
भारद्वाज ने कहा कि हिमाचल प्रदेश की सकल घरेलू उत्पाद में सेब का योगदान सबसे ज्यादा रहता है। यह स्वर्गीय नरेन्द्र बरागटा के अथक प्रयासों के कारण ही संभव हो सका है। बागवानी की बदौलत आज प्रदेश ही नहीं बल्कि देश के हजारों लोेगों को रोजगार उपलब्ध हो रहा है।
उन्होंने कहा कि डॉ. यशवंत सिंह परमार ने यहां की भौगोलिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए बागवानी को बढ़ावा दिया ताकि यहां के लोगो की आर्थिकी में सुधार हो सके। आज बागवानी से जिला शिमला ही नहीं बल्कि प्रदेश की आर्थिकी में वृद्धि की गई। इस अवसर पर उन्होंने प्रगतिशील किसान रामलाल चौहान को लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया।