शिमला/नाहन, 15 सितंबर : चंद महीने पहले राजधानी में ओपीएस (OPS) के समर्थन में जुटे कर्मचारियों के एक समूह ने मुख्यमंत्री (CM Jairam Thakur) को ‘जोईया मामा मानदा नी, कर्मचारियों री सुनदा नी’ नारा दिया था। इससे मुख्यमंत्री भी खासे नाराज हो गए। ट्रांसगिरि क्षेत्र में तैनात शिक्षकों के तबादले कर दिए गए। इसी बीच मुख्यमंत्री ने सिरमौर (Sirmour) प्रवास के दौरान ये स्वीकार कर लिया कि वो सिरमौरियों के मामा हैं। भांजे भी खुश हो गए।
बुधवार दोपहर करीब 3ः30 बजे एक बड़ी खबर सामने आ गई, इसमें हाटियों को अनुसूचित जनजाति (Scheduled Tribe) का दर्जा देने का ऐलान हुआ था। इसके बाद घोषणा को लेकर किन्तु-परंतु की चर्चा बदस्तूर जारी है।
वीरवार सुबह फिर केंद्रीय मंत्रिमंडल (Union Cabinet) की बैठक के फैसलों का एक पन्ना वायरल (Viral) होने लगा। इसमें जिक्र किया गया कि अनुसूचित जाति से ताल्लुक रखने वाली आबादी को एसटी (SC) के स्टेटस से बाहर रखा जाए। तब जाकर ये बात स्पष्ट हुई कि केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा (Arjun Munda) ने ये क्यों कहा था कि ट्रांसगिरि की 1,60000 की आबादी को फायदा मिलेगा, जबकि धरातल पर ट्रांसगिरि क्षेत्र की आबादी 3 लाख के आसपास है।
रजिस्ट्रार जनरल ऑफ़ इंडिया (Registrar General of India) से मंजूरी मिलने के बाद इस मुद्दे ने खासी हलचल पैदा कर दी। अनुसूचित जाति वर्ग ने इसका विरोध इस तर्क के साथ किया कि क्षेत्र को एसटी (ST) का स्टेटस मिलने पर एससी वर्ग के हित समाप्त हो जाएंगे।
#WATCH : हाटी समुदाय को ST के स्टेटस पर हिमाचल के मुख्यमंत्री की पहली प्रतिक्रिया….
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तीन दिन पहले एससी वर्ग ने राजगढ़ में बड़ी रैली का आयोजन भी किया था, लेकिन अब सरकार ने एक तीर से दो निशाने साध लिए हैं। हाटी समुदाय (Hatti Community) की विशेष जातियों को एसटी का दर्जा दे दिया है। साथ ही एससी वर्ग को इससे बाहर रखा है, ताकि अनुसूचित जनजाति से ताल्लुक रखने वाला तबका भी नाराज न हो।
हालांकि, इस मुद्दे से जुड़ी कई मिथ्याएं दूर होने में समय लगेगा, लेकिन ये तय है कि जयराम सरकार ने डबल मास्टर स्ट्रोक (Master Stroke) खेला है।
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उधर, वीरवार सुबह मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर शिमला लौटे। इस दौरान शिलाई के पूर्व विधायक बलदेव तोमर (Baldev Tomar) के नेतृत्व में हाटी समुदाय के प्रतिनिधिमंडल ने सीएम का हेलीपैड पर ही स्वागत किया। इसके बाद मुख्यमंत्री ने पत्रकारवार्ता के माध्यम से मुद्दे से जुड़े किन्तु-परंतु दूर करने का प्रयास किया।
सीएम ने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के अलावा सिरमौर के भाजपा नेताओं की मौजूदगी में इस बात को साफ करने का प्रयास किया कि अनुसूचित जाति वर्ग के हितों का भी ध्यान रखा गया है। हाटी समुदाय से 91,446 अनुसूचित जाति की आबादी को अलग रखा गया है।
सीएम ने कहा कि 1,59,716 की आबादी को एसटी के दर्जे का लाभ मिलेगा। इसमें पच्छाद व रेणुका जी की क्रमशः 27,261 व 50,475 की आबादी को लाभ मिलेगा। इसी तरह शिलाई व पांवटा साहिब में 60,775 व 25,323 की आबादी को जनजातीय आरक्षण का फायदा होगा।