हमीरपुर, 11 सितंबर : हिमाचल का हमीरपुर जिला शिक्षा के क्षेत्र में प्रथम स्थान पर है। प्रदेश के दूसरे जिलों से भी विद्यार्थी यहां शिक्षा ग्रहण करने के लिए आते हैं। लेकिन यहां मौजूद एक स्कूल की हालत ऐसी है कि देश का एक ही अध्यापक के भरोसे है। बच्चे जर्जर हो चुके स्कूल में शिक्षा ग्रहण कर रहे है। हैरान कर देने वाली बात यह है कि इस स्कूल का भवन अंग्रेजो के समय का बना हुआ है।
उपमंडल भोरंज के राजकीय प्राथमिक विद्यालय लझयांनि में 5 कक्षाएं एक ही कमरे में पिछले कई सालों से चल रहीं हैं। यह कमरा भी पूरी तरह से जर्जर की हालत में है, और कभी भी गिर सकता है। बच्चे जान जोखिम में डालकर यहां शिक्षा ग्रहण कर रहे है। स्कूल में कुल 21 विद्यार्थी है।
हैरान कर देने वाली बात यह है कि पिछले लम्बे समय से यहां एक ही अध्यापिका पांच कक्षाओ को पढ़ा रही थी, लेकिन उनकी भी पद्दोन्नति के कारण अब स्कूल में कोई टीचर मौजूद नहीं है। कुछ समय तक बिना अध्यापक के ही स्कूल चल रहा था। पिछले दो महीने से एक अध्यापक डेपुटेशन पर पांच कक्षाओं को पढ़ा रहा है।
बताया जा रहा है कि एक मुख्यध्यापिका ने हाल ही में ज्वाइन किया है, लेकिन सवाल यही है कि क्या एक अध्यापक पांच कक्षाओं को पढ़ा पाएगा और वह भी एक जर्ज़र कमरे में। पिछले कल नई अध्यापिका ने बच्चों को जर्ज़र कमरे से उठाकर बच्चों को र्सरी के लिए बने एक कमरें में शिफ्ट कर दिया है।
उधर, डिप्टी डायरेक्टर एलिमेंट्री एजुकेशन हमीरपुर संजय ठाकुर का कहना है कि स्कूल अध्यापक के पद रिक्त पड़े हैं। वहीं, अभी अध्यापकों की अपॉइंटमेंट होने वाली है। शीघ्र ही स्कूल में अध्यापक तैनात किए जाएंगे, और कमरे की डिमांड उच्च अधिकारियों को मई महीने में भेजी गई है। शीघ्र ही कमरे का निर्माण किया जाएगा।