हमीरपुर, 07 सितंबर : राइडर की अधिसूचना में टीजीटी को आरंभिक वेतन 41600 रुपए की बजाय 46800 रुपए दिया जाए। प्रदेश सरकार ने राइडर की अधिसूचना में टीजीटी वर्ग की उम्मीदों को पूरा नहीं किया है। वर्ष 2012 के स्केल छीनने के बाद अब उनको सम्मानजनक आरंभिक वेतनमान नहीं दिया है, जिससे 16400 टीजीटी शिक्षकों में रोष छा गया है। शिक्षक वर्ग में ही सरकार ने अलग-अलग वेतन बढ़ौतरी का फार्मूला लगाया है।
टीजीटी और प्रवक्ता को मात्र एक-एक और सीएंडवी को 2 व जेबीटी को 7 इंक्रीमेंट्स का लाभ मिलेगा, जबकि गैर-शिक्षकों को 12 इंक्रीमेंट्स का लाभ दिया जा रहा है। वित्तीय लाभों के मामले में टीजीटी अब 20 साल पीछे धकेले जा रहे हैं। जूनियर श्रेणी के कर्मचारी उनसे अनेकों इंक्रीमेंट्स ज्यादा ले रहे हैं।
3 जनवरी, 2022 को जारी स्केल में जब इन कमियों को दूर करने हेतु विविध प्रयासों के बाद जाकर राइडर का मामला सुलझाना शुरू हुआ, तो 2 साल की शर्त नियमित स्केल के लिए नहीं हटाई गई।
बुधवार को राजकीय टीजीटी कला संघ प्रदेशाध्यक्ष सुरेश कौशल व महासचिव विजय हीर ने कहा कि जेबीटी 29700 से 37600 यानि 7900 रूपये का अंतर सैल में स्तर 1 से 9 करते हुए कुल 7 इंक्रीमेंट लगाई गई है, जबकि सीएंडवी शिक्षकों को 35600 से 40100रुपएयानि 4500रुपएका अंतर और 2 इंक्रीमेंट सैल में स्तर 1 से बढ़ाकर 5 किया।
लिपिक पटवारी, कॉन्स्टेबल आदि को 20200 से बढ़ाकर 30500 रुपए किया, यानि बेसिक 10300 रुपएका इजाफा और 12 इंक्रीमेंट्स का लाभ मिला। जेओए का बेसिक 20600 से 31200 यानि 10600 रुपए बढ़ाया। चपरासी को 18000 रुपए से 19100 हुआ, यानी केवल सालाना इंक्रीमेंट ही मिली।
प्रवक्ता वर्ग को सैल 12 में स्तर 1 पर 43000 रुपएसे बढ़ाकर स्तर 4 में 47000 रुपएआरंभिक वेतन दिया गया है, जबकि इस 4000रुपए की वृद्धि को अगर 2 साल की इंक्रीमेंट के बाहर देखें तो केवल 1 इंक्रीमेंट का लाभ होगा। इस तरह टीजीटी शिक्षकों को यह फैसला नामंज़ूर हैं, और 46800 रुपएसे कम आरंभिक वेतन स्वीकार नहीं होगा। 4-9-14 बहाल नहीं किया गया है, भत्ते और आरंभिक वेतन आज भी पंजाब की तर्ज़ पर नहीं मिल रहा है। यह वित्तीय शोषण टीजीटी शिक्षक स्वीकार नहीं करेंगे, और सरकार दो सप्ताह में इसे दुरुस्त करे।
टीजीटी ग्रुप सी में कैसे… टीजीटी कला संघ ने कहा कि प्रदेश वित्त विभाग ने टीजीटी शिक्षकों को ग्रुप बी की जगह सी में डाला है। वर्ष 2012 के स्केल की स्थिति में जो वर्ग सी श्रेणी में थे, वे बी श्रेणी में आ गए और टीजीटी को सी श्रेणी मिली। ग्रेड पे सिस्टम ही जब 1 जनवरी 2016 से खत्म है, तो ग्रेड पे पर श्रेणी निर्धारण कैसे किया गया है। टीजीटी स्केल पहले 11 से 15 सैल के बीच था, अब वह 10वें स्थान पर देकर सी श्रेणी में डाला गया है। आरंभिक वेतन में इतना बड़ा नुकसान असहनीय है।