बिलासपुर, 07 सितंबर : तहसील भराड़ी के गांव मिहाड़ा के अभय नूर पुत्र नरेश शर्मा का चयन सेना में लेफ्टिनेंट पद के लिए हुआ। ऐसे तो गांव मिहाड़ा में एक से बढ़कर एक अधिकारी हैं। जिनमें डॉक्टर, इंजीनियर वैज्ञानिक, एसडीएम, तहसीलदार, कैप्टन, प्रधानाचार्य सहित कई उच्च पदों पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं और दे चुके हैं। लेकिन, अभय नूर पुत्र नरेश कुमार शर्मा का एनडीए (NDA) के तहत एसएसबी परीक्षा (SSB Exam) में सफलता हासिल करके लेफ्टिनेंट के पद के लिए चयनित हुए।
अभयनूर के पिता नरेश शर्मा वर्तमान में सुरंगनी चंबा में डीएवी स्कूल में प्रधानाचार्य के पद पर कार्यरत हैं व माता अंजना शर्मा एक निजी स्कूल में अध्यापिका के पद पर कार्यरत हैं। अभय नूर के पापा नरेश शर्मा ने बताया कि अभय नूर का बचपन से ही सेना में जाने का मन था और उसके इस जज्बे ने यह कर दिखाया।
क्योंकि वह दिन रात कड़ी मेहनत करता था।
अभय नूर की प्रारंभिक शिक्षा पंजाब और करनाल से हुई। उसके उपरांत नौवीं कक्षा से जमा दो तक की पढ़ाई गुरुकुल कुरुक्षेत्र की और इसी वर्ष जमा दो में 93% अंक प्राप्त किए। वहीं अभय नूर ने कपूरथला में चल रहे एसएसबी इंटरव्यू में सफलता हासिल की। जिसके फलस्वरूप भारतीय सेना (Indian Army) में लेफ्टिनेंट के पद के लिए चयन निश्चित हुआ।
अभय नूर के पिता ने बताया कि परिवार से कोई न कोई सेना में अपनी सेवाएं दे चुके हैं और उसी परंपरा को निभाते हुए अब अभय नूर का चयन लेफ्टिनेंट पद के लिए हुआ। अभय नूर के ताया सतीश शर्मा कैप्टन रैंक से सेना से सेवानिवृत्त हुए हैं। अभय नूर के पापा नरेश शर्मा ने सभी बच्चों से कड़ी मेहनत और जीवन का उद्देश्य रख कर पढ़ाई करने की बात कही और उन्हें गर्व है कि इतनी कम उम्र में उनके बेटे ने इतनी बड़ी उपलब्धि हासिल की और सेना में अपनी सेवाएं देंगे।
आज उनका सीना गर्व से और भी चौड़ा हो रहा है कि उनके बेटे ने गांव के साथ-साथ प्रदेश का भी नाम रोशन किया है। अभय नूर ने इस उपलब्धि का श्रेय अपने माता-पिता व गुरुजनों को दिया। जिसके फलस्वरूप वे आज यहां पर पहुंचे। उन्होंने कहा कि कोई भी लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है अगर मन में उसके लिए जज्बा हो।