सोलन, 5 सितंबर: नालागढ़ के कोर्ट परिसर में तीन राउंड गोलियां चलाकर सनसनी पैदा करने वालों के गिरेबान तक खाकी पहुंच गई है। 29 अगस्त को उस वक्त कोर्ट परिसर में हडकंप मच गया था, जब खेड़ा हत्याकांड के अंडर ट्रायल कैदी को पेशी के बाद कोर्ट से बाहर लाया जा रहा था।
सहायक पुलिस अधीक्षक अमित यादव के नेतृत्व में गठित एसआईटी की टीम फायरिंग करने वालों तक पहुंची है। दिल्ली पुलिस के साझा अभियान के साथ वारदात में संलिप्त तीन आरोपियों विक्की, वकील व प्रगट को गिरफ्तार किया गया है। फिलहाल तीनों ही आरोपी 8 सितंबर तक दिल्ली पुलिस की हिरासत में हैं। जल्द ही बद्दी पुलिस आरोपियों को ट्रांजिट रिमांड पर लाकर पूछताछ करेगी।
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एसपी मोहित चावला ने पुष्टि की है। गौरतलब है कि इस वारदात में इस्तेमाल बाइक को पुलिस ने कुछ देर बाद ही बरामद कर लिया था। वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपी बाइक छोड़कर पैदल ही भाग गए थे। हालांकि, आधिकारिक पुष्टि नहीं है, लेकिन बताया जा रहा है कि वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपी लगातार ठिकाने बदल रहे थे।
ये खुलेंगे राज…
आरोपियों से पुलिस रिमांड में कई सवाल पूछे जा सकते हैं। पहला सवाल ये होगा कि क्या वास्तव में ही वो हत्याकांड के आरोपी को फरार करवाने की फिराक में थे या फिर उसकी हत्या करने के लिए गोलियां दागी गई थी।
उल्लेखनीय है कि बाद में ये भी सामने आ रहा था कि गैंगस्टर्स अपने साथी को छुड़वाने के मकसद से पहुंचे थे, लेकिन मंसूबों में कामयाब नहीं हुए। दीगर है कि रविवार को ही हिमाचल के पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू ने बद्दी का दौरा किया था। इस दौरान पुलिस महानिदेशक ने कहा था कि जल्द ही खूंखार कैदियों की वीडियो कान्फ्रैंसिंग के माध्यम से अदालत में पेशियां होंगी।
ये भी सामने आया था कि सन्नी उर्फ अजय के खिलाफ तकरीबन 10 आपराधिक मामले दर्ज हैं। हमलावरों के निशाने पर अजय ही था। उसकी हत्या की कोशिश थी या फिर उसे छुड़ाने की, सबसे पहला सवाल यही होगा। इसके अलावा आरोपियों से इस राज का भी पता किया जा सकता है कि वो पहले भी इस तरह की वारदातों को अंजाम दे चुके हैं या नहीं।