नाहन, 03 सितंबर : क्या, आपने 20 फुट लंबे पेन के बारे में सुना है। शायद नहीं सुना होगा। चलिए, आपको बताते हैं कि हिमाचल प्रदेश में कहां एक ऐसा पेन बनाया गया है, जिसके बारे में विश्व का सबसे लंबा पेन (world’s longest pen) होने का दावा किया गया है।
45 हजार रुपए की लागत से अत्याधुनिक साउंड सेंसरयुक्त फाउंटेन पेन (Sound censored fountain pen) को स्कूल परिसर में शनिवार को लोकार्पित किया गया है। तकरीबन 42 किलोग्राम वजनी पेन की कई खूबियां हैं। यदि, 8-10 लोग कोशिश करें तो इस पेन से कागज पर लिखा भी जा सकेगा।
दरअसल, ये इनोवेटिव खोज का मकसद रिमोट इलाके में रहने वाले बच्चों को शिक्षा के प्रति आकर्षित करना भी है। स्कूल में मुख्य अध्यापक के पद पर तैनात संजीव अत्री लंबे अरसे से सृजनात्मक कार्यों के लिए अलग पहचान रखते हैं। पिछली बार उस समय चर्चा में आए थे, जब अंडों की ट्रे से स्कूल में रेडियो स्टेशन (Radio station) का स्टूडियो बना दिया था।
शनिवार को पूर्व विधानसभा अध्यक्ष डाॅ. राजीव बिंदल ने इस अनोखे पेन का लोकार्पण किया। इसे देखकर वो इस कद्र प्रभावित हुए कि तुरंत ही स्कूल के लिए 50 हजार के इनाम की घोषणा कर दी।
क्या है पेन की खूबियां….
स्कूल में शिक्षक न होने की सूरत में क्लास चल सकेगी। इसके लिए शिक्षक को एक प्रोग्रामिंग (programming) के तहत लेक्चर तैयार करना होगा। निब तक इंक पहुंचाने के लिए बैरिंग के बाद स्पंज का इस्तेमाल किया गया है। सबसे टाॅप पर ग्लुकोज की खाली बोतलें लगी हैं, इसमें स्याही को भरा जा सकता है। हालांकि, पेन से लिखने का उद्देश्य नहीं है। केवल इसके साउंड सेंसर के माध्यम से बच्चों को पढ़ाना है।
शिक्षकों की गैर हाजिरी में ये पेन बच्चों को पढ़ा सकता है। आम तौर पर सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी रहती है। ऐसे में डिवाइस काफी मददगार साबित होगा। अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस ये पेन ढक्कन पर लगे सीसी कैमरे से बच्चों की निगरानी भी करेगा। रात के समय ये रोशनी बिखेरेगा।
अवकाश पर गए शिक्षक की आवाज में सैंसर काम करेगा। सीसी कैमरों की निगरानी नियंत्रण कक्ष से होगी। कार्यालय में बैठकर स्कूल प्रबंधन परिसर में बच्चों पर नजर रख सकता है। ऑफिस से ही साउंड सैंसर (sound sensor) के माध्यम से बच्चों के नाम भी पुकारे जा सकते हैं। रोचक बात ये है कि पेन स्कूल की प्रार्थना सभा भी करवा सकता है। खाली समय में बच्चे शिक्षाप्रद कहानियां व गीत भी सुन सकते हैं।
शिक्षक संजीव अत्री की ये दिलचस्प खोज शिक्षा के क्षेत्र में कारगर साबित हो सकती है।
गौरतलब है कि ये स्कूल इंडियन इंस्टिटयूट ऑफ़ मैनेजमेंट सिरमौर (Indian Institute of Management Sirmaur) के निर्माणाधीन परिसर से चंद मीटर की दूरी पर है। इस स्कूल में गुज्जर समुदाय से जुड़े बच्चे शिक्षा ग्रहण करते हैं।
क्या बोले अत्री….
संजीव अत्री ने एक सवाल के जवाब में कहा कि निश्चित तौर पर गिनीज बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकाॅर्डस (Guinness Book of World Records) के लिए दावा पेश किया जाएगा। उनका कहना था कि लिम्बा बुक ऑफ़ रिकाॅर्डज (Limca Book of World Records) के लिए आवेदन किया था। ई मेल के जरिए पेन से जुड़ी तस्वीरें मंगवाई गई हैं।
अत्री ने बताया इससे पहले 18 फुट का बाल प्वाइंट पेन (18 Foot Ball Point Pen) बनाया गया था। उनका कहना था कि इस पेन के तीन महत्वपूर्ण पार्ट हैं। ढक्कन, मध्य भाग व 8 इंच लंबी निब। इसे बिजली या सौर ऊर्जा (Solar Energy) से चार्ज किया जा सकता है।