नाहन, 01 सितंबर : सिरमौर में सहायक आयुक्त (AC to DC) के कार्यालय की कार्यशैली ‘टैक्सी सेवा के टैंडर’ को लेकर संदेह के घेरे में आ गई है। सरकारी कार्य के भीतर ही टैंडर बाॅक्स की सील तोड़ दी जाती है। इसके बाद टैंडर के लिफाफों को पैक कर वापस बाॅक्स में डाल दिया जाता है।
6 जुलाई 2022 को ही सहायक आयुक्त कार्यालय द्वारा मलिक टूर एंड ट्रेवल्स (Travel) के टैक्सी टैंडर का समय 30 सितंबर 2022 तक किया गया था। इसी बीच इसे रद्द कर नए टैंडर आमंत्रित कर लिए जाते हैं। ये टैंडर 17 अगस्त 2022 को खोले जाने थे। सवाल इस बात पर उठता है कि 17 अगस्त को टेक्निकल बिड (technical bid) को तो खोल दिया जाता है, लेकिन फाइनेंशियल बिड (financial bid) को 29 अगस्त तक स्थगित कर दिया जाता है।
17 अगस्त को ये तर्क दिया जाता है कि सहायक आयुक्त के पास मुख्यमंत्री प्रवास को लेकर समय की कमी थी, लिहाजा इसे 29 अगस्त तक स्थगित कर दिया गया। 12 दिन के लिए ये व्यवस्था स्थगित होती है, जबकि मुख्यमंत्री का कार्यक्रम 20 अगस्त का निर्धारित हुआ था। हर कोई उस समय हक्का-बक्का रह जाता है, जब 29 अगस्त को फाइेंशियल बिड खोलने के तहत इस बात का खुलासा होता है कि निविदाओं के टैंडर बाॅक्स से छेड़छाड़ की गई है।
सवाल इस कारण भी है कि टेक्निकल व फाइनेंशियल बिड के बीच 12 दिन का अंतर था, इसी बीच सरकारी रिकॉर्ड से सरकारी ही कार्यालय में टेंपरिंग हो जाती है। ये मामला, इस कारण भी शक के घेरे में आता है, क्योंकि अब टैंडर को रद्द करने के बाद 31 मार्च 2023 तक चार फर्मों को टैक्सी उपलब्ध करवाने के लिए अधिकृत कर दिया जाता है। यानि, तीन फर्मों सतीश कुमार टैक्सी ऑपरेटर शंभूवाला, जेएमएम टूर एंड ट्रैवल शिमला, अवस्थी हाॅलीडे टूर कुल्लू की एंट्री इस प्रकरण में हो गई है।
बुधवार को प्रशासन द्वारा पहले से चल रहे टैंडर की दरों के आधार पर अलग-अलग वाहनों के रेट कॉन्ट्रैक्ट को अधिसूचित कर देता है। आदेश में कहा गया कि चुनाव आचार संहिता लागू हो जाएगी, लिहाजा टैंडर प्रक्रिया को पूरा करने का पूरा समय नहीं मिलेगा।
अहम बात ये है कि चुनाव आचार संहिता लागू होने में करीब 30 से 45 दिन का समय बाकी है। प्रश्न ये भी पैदा होता है कि क्या इस अवधि में टैंडर नहीं करवाए जा सकते। दूसरा ये कि अगर टैक्सी सेवा के टैंडर को 31 मार्च 2023 तक बढ़ाना ही था तो तीन नई फर्मों की एंट्री कैसे हो गई।
पहले आनन-फानन में टैंडर आमंत्रित किए जाते हैं, जबकि 30 सितंबर 2022 तक का विस्तार पहले से ही था। फिर, टैंडर की टेंपरिंग होती है। इसके बाद चार फर्मों को काम बांट दिया जाता है। बड़ा सवाल ये भी है कि क्या सहायक आयुक्त कार्यालय द्वारा सरकारी कार्यालय में दस्तावेजों से टेंपरिंग (tempering) के इस संवेदनशील मामले में आपराधिक मामला दर्ज करवाया जाएगा या नहीं।
एमबीएम न्यूज नेटवर्क द्वारा जुटाई गई जानकारी के मुताबिक सरकार विभागों में हर महीने टैक्सी सेवा लेने के लिए 20 से 25 लाख तक की राशि खर्च की जाती है। इसी बीच मलिक टूर एंड ट्रेवल्स ने उपायुक्त को लिखे पत्र में कहा कि उनके टैंडर को 30 सितंबर तक विस्तार दिया गया था। इसी बीच नए टैंडर आमंत्रित कर लिए गए। इसमें भी छेड़छाड़ हुई है। उन्होंने कहा कि नए टैंडर तक कार्य उनकी फर्म के पास भी रह सकता था।
उधर, सवाल इस बात पर उठता है कि सरकारी कार्यालय में ही टैंडर बाॅक्स को खोलकर निविदाओं से छेड़छाड़ पर पुलिस में मामला क्यों नहीं दर्ज करवाया गया। इसी बीच एमबीएम न्यूज नेटवर्क से बातचीत में उपायुक्त आरके गौतम ने कहा कि मामले को गंभीरता से लिया गया है। सहायक आयुक्त को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है।
उन्होंने कहा कि जांच की रिपोर्ट आने के बाद ही इस बिंदू पर गौर किया जा सकता है कि पुलिस में मामला दर्ज करवाया जा सकता है या नहीं। उन्होंने कहा कि तकनीकी निविदा में पात्र पाई गई चारों फर्मों को नए टैंडर प्रक्रिया पूरी होने तक सेवा उपलब्ध करवानी होगी।