बिलासपुर, 31 अगस्त : एक ऐसा व्रत जिसके नियम करवा चौथ से भी कठिन हैं। महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए ही यह व्रत करती हैं। हरतालिका तीज का व्रत जिसे पहाड़ी भाषा में चिड़ियों का व्रत भी कहा जाता हैं, मंगलवार और बुधवार को बड़ी धूमधाम से मनाया गया।
इस व्रत के नियम बड़े कठिन हैं। 2 दिन तक महिलाएं अन्न-जल ग्रहण नहीं करती हैं। हालांकि करवा चौथ के दिन महिलाएं रात के समय चंद्रमा के दर्शन करके अर्घ देकर व्रत खोल लेती हैं, लेकिन हरतालिका तीज का व्रत अगले दिन खुलता है। अगले दिन पूजा-अर्चना के बाद महिलाएं व्रत खोलती है
महिलाएं समूह में एकत्रित होकर भगवान शिव व मां पार्वती की पूजा करती हैं। शिव और पार्वती की मूर्तियां मिट्टी के द्वारा बनाई जाती हैं। सज धज कर महिलाएं विभिन्न प्रकार के फूल -पत्तों व फलों से भगवान शिव और पार्वती की पूजा अर्चना करती हैं।
कहते हैं कि सर्वप्रथम यह व्रत माता पार्वती ने भगवान शिव को पाने के लिए किया था। तब से लेकर आज तक यह परंपरा लगातार चलती आ रही है। महिलाएं सौभाग्य की प्राप्ति के लिए अपने पति की लंबी आयु के लिए यह व्रत करती हैं।